Uttarakhand Hudkiya Baul News: उत्तराखंड में कई लोग पर्व हैं जिन्हें पहाड़ के लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं, इसमें से एक लोक पर्व है हुड़किया बौल. यह लोक पर्व उत्तराखंड के कुमाऊं में अधिकांश मनाया जाता है. इस दौरान ग्रामीण एकत्र होकर ढोलक की थाप पर खेत में धान की रोपाई करते हैं, जिसमें नाच गाकर धान रोपाई की जाती है. यह लोक पर्व पहाड़ में कई सालों से मनाया जा रहा है.    


वहीं आज सोमवार (31 जुलाई) को पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत के निवास स्थान ग्राम उमेदपुर, रामनगर में पिछले सालों की तरह इस साल भी पर्वतीय सांस्कृतिक परंपरा के तहत हुड़किया बौल का आयोजन किया गया. जिसमें हुड़के की थाप पर पर्वतीय बाध्य यंत्रों के साथ धान की रोपाई की गई. उत्तराखंड में मानसून सीजन में पहाड़ी संस्कृति से जुड़े तमाम त्योहार पड़ते हैं. इन त्यौहारों को पहाड़ के लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं और अपनी संस्कृति को हमेशा जिंदा रखने के लिए पहाड़ के लोग की प्रकार के त्योहारों में दूरदराज के इलाकों से आकर अपने गांव में इन त्योहारों को मनाते हैं.


इस त्यौहार में गांव के तमाम ग्रामीण मिलकर खेतों में धान की रोपाई करते हैं. यह धान की रोपाई सभी गांव वालों के खेतों में की जाती है. मिलजुल के एक दूसरे के खेतों में धान लगाते हैं और ढोलक की थाप पर पहाड़ी लोकगीत गाते हुए धान की रोपाई की जाती है.


इस लोक पर्व को लेकर पूर्व विधायक रणजीत रावत ने कहा कि यह हमारी पुराणिक सांस्कृतिक विधा है. पहले सामूहिक खेती हुआ करती थी और खेती में काम करते समय किसानों को ज्यादा थकान ना हो तो उनके साथ एक आदमी हुड़का बजाके गाना गाता था. इससे उनका मनोरंजन भी होता था और काम भी जल्दी होता था. आज ये विधा लगभग विलुप्त सी हो गई है. उन्होंने कहा कि हमारी पुरानी पीढ़ी ने हमें यह विधा सौंपी थी तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी अगली पीढ़ी को इसको सौंप कर जाएं. उसी के तहत पिछले सालों की भांति इस साल भी हुड़किया बौल का आयोजन किया गया है. इस दौरान मातृशक्ति, क्षेत्रीय ग्रामीण जन, युवा शक्ति सहित सैकड़ों जन मौजूद रहे.


UP News: यूपी में माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई पर सीएम योगी का बयान, कहा- आरती करनी चाहिए?