Uttarakhand News: वन विभाग की जमीन पर बने अवैध धार्मिक स्थल हटाए जाएंगे, त्रिवेंद्र रावत बोले- धर्म की आंड़ में बंद हो गलत काम
अलग-अलग धार्मिक स्थलों में मजार, मंदिर, गुरुद्वारे समेत अन्य धार्मिक स्थल को चिन्हित करने के लिए वन विभाग के अधिकारी जुटे हुए हैं.
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Uttarakhand News: उत्तराखंड में मदरसो के सर्वे के ऐलान के बाद में अब उत्तराखंड वन विभाग की भूमि पर बने अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने की तैयारी की जा रही है. अलग-अलग धार्मिक स्थलों में मजार, मंदिर, गुरुद्वारे समेत अन्य धार्मिक स्थल को चिन्हित करने के लिए वन विभाग के अधिकारी जुटे हुए हैं.
वहीं इस पूरे मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि सरकार की ओर से पूर्व में भी तमाम ऐसे धार्मिक स्थलों को हटाने का कार्य किया गया है. धर्म की आड़ में बहुत से ऐसे गलत कार्य किए जाते हैं. जिसके चलते राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि किसी को भी धर्म की आड़ में गलत कार्य नहीं करना चाहिए.
रावत के बयान ने बढ़ाई हलचल
वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक बयान को लेकर हलचल तेज है. दरअसल त्रिवेंद्र रावत ने गैरसैंण में कहा कि जनता अगर जागेगी तो राजा को भी जागना पड़ेगा. इस मामले पर त्रिवेंद्र से जब पूछा गया तो उनका कहना है कि जिस तरह हनुमान को उसकी शक्ति याद दिलानी पड़ती है, उसी तरह जनता को सरकार की शक्ति भी याद दिलानी पड़ती है. गैरसैंण क्षेत्र में काफी विकास कार्य हुए हैं. लेकिन अभी भी यहां बहुत सारे विकास कार्य करने की जरूरत है.
त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि उनके गढ़वाल दौरे को किसी चीज से भी जोड़ना ठीक नहीं है. यह एक सामान्य दौरा था जो उन्होंने किया था. त्रिवेंद्र ने कहा कि उन्होंने भगवान बद्री विशाल के दरबार से यात्रा शुरू की थी और बॉर्डर तक जाने का उनका उद्देश्य जवानों से मुलाकात और उनके जोश को बढ़ाना था.
मालूम हो कि इससे पहले उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने वक्फ बोर्ड उत्तराखंड में मौजूद अपने सभी 103 मदरसों का सर्वे कराने की बात कही थी.
शादाब शम्स का कहना है कि पूरे प्रदेश में संचालित किए जा रहे 500 मदरसों में से 103 मदरसे वक्फ बोर्ड के अधीन आते हैं. जिसमें सरकार मुस्लिम छात्रों के शिक्षा, खाना और अन्य सुविधाओं के लिए पैसा देती है. ऐसे में राज्य सरकार का यह पूरा अधिकार है कि वो इन मदरसों का समय-समय पर निरीक्षण करें.
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