उत्तराखंड में महंगाई ने बिगाड़ा लोगों का बजट, सब्जी और आटे-दाल की कीमतों में उछाल
Uttarakhand News: उत्तराखंड में लोगों पर महंगाई की दोहरी मार पड़ी है, बारिश की वजह से पहले सब्जियों के दामों में इजाफा हुआ. फिर अब आटा, दाल और खाद्य तेल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है.
Dehradun News: देशभर में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की रसोई का बजट बुरी तरह प्रभावित किया है. उत्तराखंड में भी हालत कुछ ऐसे ही है, प्रदेश की राजधानी में भी बारिश और बदलते मौसम ने सब्जियों और अन्य किचन के दामों में भारी इजाफा किया है. सब्जियों और आवश्यक खाद्य पदार्थों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे दाल-रोटी तक खाना भी अब आसान नहीं रह गया है. पहले से ही महंगी हो चुकी सब्जियों के साथ अब आटा, दाल और खाद्य तेलों के बढ़ते दामों ने रसोई खर्च को और बढ़ा दिया है.
सब्जियों के दामों में तेजी का कारण मुख्यत सर्दियों की सब्जियों की आवक का शुरू न होना बताया जा रहा है. इसके चलते सब्जी मंडियों में प्याज, लहसुन और अन्य सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. प्याज के दाम 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं, जबकि लहसुन 300 से 400 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसी तरह आलू 40 रुपये प्रति किलो, गोभी 100 रुपये, शिमला मिर्च 100 रुपये और खीरा 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. टमाटर, जो कई घरों की रसोई में एक आवश्यक सब्जी है, 60 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है.
आटे-दाल की कीमतों में उछाल
इसके अलावा, आटे और दालों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं. आटे के दामों में भी उछाल आया है, जहां पहले 10 किलो आटा 380 रुपये में मिलता था, अब यह 400 रुपये के पार हो गया है. दालों में भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली अरहर की दाल के दाम 180 रुपये से बढ़कर 200 रुपये प्रति किलो हो गए हैं. चना दाल 95 रुपये से बढ़कर 115 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. हालांकि मूंग, मलका और उड़द की दालों के दाम स्थिर बने हुए हैं, लेकिन अन्य दालों की कीमतों में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है.
खाद्य तेलों के दामों में भी बढ़ोतरी देखी गई है. सरसों का तेल, जो 15 दिन पहले तक 130 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था, अब 157 रुपये प्रति लीटर हो गया है. रिफाइंड तेल की कीमतें भी 30 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 132 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई हैं. वनस्पति घी के दाम भी 110 रुपये से बढ़कर 140 रुपये प्रति किलो हो गए हैं. महंगाई के इन बढ़ते कारणों में से एक प्रमुख वजह केंद्र सरकार द्वारा 15 दिन पहले क्रूड ऑयल पर कस्टम ड्यूटी में की गई वृद्धि मानी जा रही है.
महंगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट
आढ़त बाजार देहरादून के थोक व्यापारी विनोद कुमार गोयल के अनुसार, सरकार ने क्रूड ऑयल पर कस्टम ड्यूटी शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी है, जबकि रिफाइंड ऑयल पर कस्टम ड्यूटी 35.7 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई है. इसका सीधा असर खाद्य तेलों के दामों पर पड़ा है, जिससे रसोई घर का खर्च और बढ़ गया है. रसोई के बजट पर चौतरफा मार पड़ रही है. सब्जियों से लेकर दाल और आटा तक, हर चीज के दाम बढ़ने से आम आदमी की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
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