Uttarakhand: पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत के 'करीबी' पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, आर्थिक अपराध शाखा करेगी जांच
उत्तराखंड में सत्तारूढ़ बीजेपी यूकेएसएसएससी परीक्षा में हुई अनियमितता के आरोपों से ऊबर भी नहीं पाई है कि अब नए मामले सामने आते जा रहे हैं. अब पूर्व सीएम के करीबी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं.
Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) के सलाहकार केएस पवार (KS Pawar) की पत्नी रामेश्वरी कुंवर सिंह पवार की कंपनी में अनियमितता की शिकायत मिली है. इस मामले में गृह विभाग की रिपोर्ट पर अब पुलिस मुख्यालय ने आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing) से जांच कराने का फैसला किया है.
इस कंपनी पर आई जांच की आंच
अपर पुलिस महानिदेशक की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'उत्तराखंड सरकार की 30 सितंबर और 6 अक्टूबर की चिट्ठी के अनुसार सोशल म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी लिमिटेड के गैरकानूनी वित्तीय गतिविधियों में शामिल होने और बड़े पैमाने पर काले धन को वैध किए जाने की जांच अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन आर्थिक अपराध शाखा से कराई जाएगाी और इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द शासन को सौंपी जाएगी.' खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार लगातार इस मामले को उठा रहे थे.
वह शासन से जांच कराने की मांग कर रहे थे. पहले से ही परीक्षा घोटालों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई सरकार अब इस नए खुलासे से घिरती नजर आ रही है. यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक 18 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है जिसको लेकर कांग्रेस वैसे ही हमलावर है. वहीं, अब उमेश कुमार ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है.
पेपर लीक में आरोपियों पर लगी थीं कमजोर धाराएं - उमेश कुमार
उमेश कुमार ने दावा किया है कि आरोपियों के खिलाफ कमजोर धाराएं लगाई गई थीं इसलिए वे धीरे-धीरे कर जमानत पर जेल से छूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक ना एक दिन तो उन्हें छूटना ही था लेकिन अभी तक सरकार द्वारा सफेदपोशों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. विधायक उमेश कुमार ने कहा कि छोटी मछलियों को पकड़ने से कोई फायदा नहीं है जबतक बड़े मगरमच्छ नहीं पकड़े जाएंगे. इस मामले में ऐसा ही चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार और आयोग युवाओं का विश्वास जीतने के लिए निष्पक्ष परीक्षाएं कराएं ताकि जो लोग जमानत पर निकले है उनसे युवा अपने भविष्य को लेकर ना डरें.
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