Uttarakhand में पानी की बर्बादी करने वालों पर कसी जाएगी नकेल, लग रहे हैं हर घर में मीटर
उत्तराखंड जल संस्थान राज्य के हर घर में अब पानी का मीटर लगा रहा है. यह कदम पानी की हो रही बर्बादी को देखते हुए उठाया जा रहा है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में हर घर में पानी का मीटर (Water Meter) लगाने काम किया जा रहा है. यह काम राज्य का जल संस्थान (Uttarakhand Jal sansthan) कर रहा है. राज्य में फिलहाल श्रीनगर (Srinagar) में लोगों के घरों में पानी के मीटर लग चुके हैं, वहीं नैनीताल (Nainital) और हल्द्वानी (Haldwani) में भी पानी का मीटर लगाने का काम जारी है. प्रशासन का कहना है कि मीटर लगने से पानी की बर्बादी रोकी जा सकेगी क्योंकि बिल भुगतान को देखते हुए लोग पानी को जरूरत के मुताबिक ही खर्च करेंगे.
फिक्स रेट से रुकेगी पानी की बर्बादी
इस मीटर व्यवस्था के तहत दो हज़ार लीटर पानी के इस्तेमाल पर बिल की राशि फिक्स रहेगी लेकिन पानी की मात्रा इससे ऊपर होने पर अतिरिक्चात र्ज देना पड़ेगा. जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि मीटर लगने से लोग पानी को बर्बाद नहीं करेंगे. दरअसल अभी पानी के बिल पर फिक्स रेट तय है ऐसे में लोग जितनी मर्जी उतना पानी इस्तेमाल करते हैं. जल संस्थान के महाप्रबंधक एस के शर्मा का कहना है कि इसका उद्देश्य लोगों को पानी का महत्व समझाना है. एस.के. शर्मा ने बताया कि जहां वाटर मीटर लगे हैं वहां पानी की एक बड़ी बचत भी देखने को मिली है.
पानी बचाना क्यों है जरूरी?
बता दें कि उत्तराखंड में गर्मी के कारण कई छोटी नदियां और झरने सूखने लगे हैं जिससे कई स्थानों पर पानी की किल्लत भी देखी जा रही है. सरकारी आंकडो़ं के मुताबिक राज्य में करीब ढाई हजार जल स्रोत सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं. उत्तराखंड में फिलहाल 732 जल स्रोत हैं जो कि 50 प्रतिशत तक सूख गए हैं जबकि 1290 जल स्रोत 60 से 75 प्रतिशत और 500 जल स्रोत 75 से 100 फीसदी तक सूख चुके हैं. ऐसे में मीटर लगाकर पानी की बर्बादी रोकने की पहल को आसानी से समझा जा सकता है.
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