Dhikala Campus Tiger Incident: उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक बाघ को सुरक्षित पड़कर रेस्क्यू सेंटर में भेजा गया. बाघ आज यानी गुरुवार (23 नवंबर) को दोपहर में ढिकाला जोन एक मजदूर पर हमला कर दिया, जिसमे उस मजदूर की मौत हो गई. पार्क के अधिकारियों ने इस बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के बाद इसे सुरक्षित पकड़कर कॉर्बेट नेशनल पार्क के बने रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया. कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित पड़कर ढेला जॉन में बने रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया है. इस बाघ ने आज दोपहर में ढिकाला जोन में सोलर फेंसिंग ठीक कर रहे एक श्रमिक पर हमला कर दिया. इस हमले में श्रमिक की मौत हो गई थी. यह श्रमिक नेपाली मूल कथा उम्र 57 वर्ष थी. जिसे इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया था. बाद में डॉक्टर ने से मृत्यु घोषित कर दिया. इस पूरे मामले को सेंसिटिव मानते हुए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिंह ने बाघ को पकड़ने के आदेश दिए. इसके बाद इस बाग को पकड़ कर रेस्क्यू सेंटर में भेजा गया है.
मृतक श्रमिक रामू को सहायता राशि दी जा रही है. वहीं ढिकाला के अंदर बने ग्रास लैंड में सुरक्षा कर्म को देखते हुए सफारी अगले आदेशों तक के लिए बंद कर दी गई है. आपको बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क का ढिकाला जोन 15 नवंबर को खुला था, जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग यहां घूमने पहुंच रहे हैं. सुरक्षा के लिहाज से मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिंह जी के तरफ से यह फैसला लिया गया है कि कुछ दिनों के लिए ढिकाला जॉन के ग्रासलैंड गालैंड को सफारी के लिए बंद कर दिया जाए.
काम कर रहे मजदूरों पर बाघ ने किया हमला
23 नवंबर के दोपहर कुछ श्रमिक ढिकाला जोन में सोलर फेंसिंग की मरम्मत कर रहे थे. जिनके पास कॉर्बेट पार्क प्रशासन के बंदूकधारी फॉरेस्ट गार्ड भी मौजूद थे. अचानक से यह बाघ झाड़ियां में से निकाला और कम कर रहे मजदूरों में से 57 साल के रामू नाम को पकड़ लिया. पास में खड़े वन कर्मियों ने 12 राउंड फायरिंग की, जिसके बाद यह बाघ श्रमिक को छोड़कर भाग गया. जिसे बाद में इलाज के लिए रामनगर के सरकारी अस्पताल भेजा गया, जहां पर उसे मृत्यु घोषित कर दिया गया. इसके बाद आनन फानन में उच्च वन अधिकारियों ने इस बाग को पकड़ने का फैसला लिया और इसे पकड़कर कॉर्बेट नेशनल पार्क में बने रेस्क्यू सेंटर में भेजा गया है, जहां इसकी जांच की जाएगी कि यह क्यों अचानक से आदमखोर बनने की राह पर चल पड़ा था.
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