Uttarakhand News: जोशीमठ के अस्तित्व पर मंडराने लगा खतरा, मलबे को अलकनन्दा नदी में गिराने से बढ़ा प्रदुषण और कटाव
Uttarakhand: जोशीमठ उत्तराखंड के प्रथम प्रयाग विष्णुप्रयाग के निकट सड़क चौड़ीकरण के नाम पर उप खनिजों को खुले आम ठीकने लगाया जा रहा है. जिससे जोशीमठ के अस्तित्व पर खतरा बढ़ गया है.
Uttarakhand News: जोशीमठ उत्तराखंड के प्रथम प्रयाग विष्णुप्रयाग के निकट सड़क चौड़ीकरण के नाम पर उप खनिजों को खुले आम ठीकाने लगाया जा रहा है. दूसरी ओर कटिंग की मिट्टी और अनुपयोगी मलबे को सीधे अलकनन्दा नदी में गिराए जाने से नदी का जलस्तर उठने लगा है. जोशीमठ की ओर लगभग 100 मी. में तेजी से कटाव बढने लगा है. इससे जहां अलकनन्दा नदी प्रदूषित हो रही है. वहीं ऐतिहासिक नगर जोशीमठ के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है.
क्या कर रही कंपनी
मारवाडी पुल से बद्रीनाथ तक एनएच चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है. इसी सड़क चौडीकरण हेतु ठेकेदार कंपनी मारवाडी पुल से विष्णुप्रयाग तक लगातार एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करते हुए मिट्टी एवं अनुपयोगी मलबे को सीधे अलकनन्दा नदी में डाल रही है. जिस कारण नदी में प्रदूषण बढ़ने लगा है. संबंधित कंपनी के काम से गुस्साए युवाओं ने बुधवार को उमा देवी मंदिर के निकट कंपनी के सभी मशीनी कार्य को बंद करवाते हुए धरना दिया व जम कर कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की.
क्या बोले स्थानीय
स्थानीय युवा वैभव सकलानी ने बताया कि भारत कंस्ट्रक्शन इंडिया द्वारा यहां पर लाखों घन मीटर पहाड़ी से टूटकर आये बोल्डरों को क्रेशर में क्रश कर ठिकाने लगाया जा चुका है. वे कहते हैं कि एक वर्ष का समय बीतने पर भी मारवाडी पुल से विष्णुप्रयाग तक की सड़क अभी भी बदलहाल है. लेकिन संबंधित कंपनी से जुड़े लोग उप खनिजों को ठीकाने लगा रहे हैं व मिट्टी एवं अनुपयोगी मलवे को जगह-जगह सीधे अलकनंदा में डालने के कारण नदी का जलस्तर एक से डेढ़ मीटर ऊपर उठ गया है. कई जगह पर नदी काफी संकरी हो गई है, जिस कारण से 100 मीटर से अधिक में जोशीमठ की ओर कटाव बढ़ गया है. जोशीमठ में भू-धसाव की स्थित आ गई है.
क्या बोलीं एसडीएम
वहीं एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी कहती हैं कि मामला मेरे संज्ञान में आ गया है. मैंने संबंधित कंपनी को मात्र तीन दिन का समय दिया है, ताकि वे सभी कार्यों को नियमानुसार संचालित करें. यदि ऐसा नहीं होता है तो कार्य संबंधित कंपनी का कार्य पूर्ण रूप से रूकवा दिया जायेगा.
क्या बोले कंपनी के प्रोजक्ट मैनेजर
कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर दीपक गर्ग कहते हैं कि हमने पहाड़ी से टूटकर आये बोल्डरों के टीपान की रायल्टी दी है व एसस्मैंट के अनुरूप ही बोल्डरों का टीपान किया गया है. लेकिन मुझे नहीं पता कि कितनी रायल्टी जमा हुई है व सरकार द्वारा हमें कितने टीपान की अनुमति मिली है. पीएम गर्ग आगे कहते हैं कि उनकी कंपनी के द्वारा कोई भी मिट्टी या मलवा अलकनंदा नदी में नहीं फेंका जा रहा है.
क्या कर रही है कंपनी
वहीं मामले को उठा रहे युवा वैभव सकलानी कहते हैं कि भारत कंस्ट्रक्शन इंडिया द्वारा कोई भी निर्माण कार्य या कटिंग का कार्य मानकों के अनुरूप नहीं किया जा रहा है. यदि कंपनी इसी प्रकार से नदी में मलवा डालती रही तो अलकनंदा का जलस्तर और ऊपर उठेगा. साथ ही जोशीमठ की तलहटी में कटाव में तेजी आएगी कहते हैं की मांगों को धता बताकर सड़क चौड़ीकरण का कार्य ठीक नहीं है. वे कहते हैं कि संबंधित कंपनी ने हाथी पहाड़ से पत्थर प्राप्त करने हेतु जरूरत से अधिक कटिंग की है.
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