Uttarakhand News: उत्तराखंड के औली (Auli) में बनी कृत्रिम झील (Artificial Lake) 2011 से देश-विदेश से आए पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केन्द्र रही है. औली आने वाले तमाम पर्यटक इस कृत्रिम झील को अपनी तस्वीरों में संजोना कभी नहीं भूलते हैं. सर्दियों के मौसम में यहां भारी बर्फ जमा हो जाती है, जिसमें ये सफेद चादर की तरह बेहद खूबसूरत दिखाई देती तो वहीं गर्मियों के इसके आसपास रंग-बिरंगे फूल किसी का भी मन मोह लेते हैं. लेकिन पिछले छह महीनों से इस झील में पानी (Water) नहीं आने की वजह से पर्यटकों (Tourist) के हाथ मायूसी लग रही है. 


औली की कृत्रिम झील में कम हुआ पानी


पर्यटन व्यवसायी विजेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पिछले छह महीनों से इस झील में पानी नहीं आने से यहां का पानी काफी कम हो गया है. जिससे यहां आएं पार्यट्को को मायूसी नजर आ रही है. औली में इस झील का सालभर बड़ा महत्व है, पर्यटक इस झील के आसपास खिले फूल, झील का शानदार नजारा और गगनचुंबी पर्वतो को देखकर बेहद खुश होते हैं, लेकिन कृत्रिम झील में पानी कम होने से पर्यटक मायूस हो रहे है. उन्होंने कहा कि इस झील का पानी सालभर आने से आधे जोशीमठ को पेयजल उपलब्ध हो सकता है.


दूसरी तरफ जल संस्थान भी लंबे समय से इस लाइन को जोशीमठ से जोड़ने की मांग करता आ रहा है. जल संस्थान के जेई ओमप्रकाश रस्तोगी ने कहा कि इस बारे में जल निगम से लगातार पत्राचार किया जा रहा है. इससे आधे जोशीमठ को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकता है.


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डीएम ने संबधित विभाग से ली जानकारी


जिलाधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है संबंधित विभाग को बुलाकर इसके बारे में जानकारी ली जाएगी और त्वरित कार्रवाई के लिए कहा जाएगा. जल निगम के एक्शन वीके जैन ने कहा कि वोडताल से आने वाली इस झील में पानी की लाइन जगह-जगह टूट चुकी है. इसको 15 दिन में ठीक किया जाएगा. आपको बता दें कि 2011 में सेफ गेम्स के दौरान इसका निर्माण किया गया था. इस झील की क्षमता 2500 क्यूबिक लीटर है,  इसको जम्मू कश्मीर की स्पेस एज कंपनी ने बनाया था. 


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