Joshimath Sinking News: जोशीमठ में 782 घरों के बाद 2 और होटलों में आई दरारें, मालिकों ने खाली करना किया शुरू
Joshimath Land Slide: जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव के हालात लगातार गंभीर होते जा रही है. अब यहां 2 और होटलों में आई दरारें आ गई हैं. इसके बाद होटलों के सामान को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है.

Joshimath Sinking: जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव की स्थिति लगातार और भी गंभीर होती जा रही है. होटल मलारी इन और माउंट व्यू की तरह ही रोपवे तक जाने वाले रास्ते में स्थित स्नो क्रेस्ट और कॉमेट होटल भी अब भू-धंसाव से तिरछे होने लगे हैं. दोनों मालिकों ने अपने होटलों को खाली करना शुरू कर दिया है. शनिवार को नगर क्षेत्र में 22 और भवनों में दरारें आ गईं. ऐसे भवनों की संख्या बढ़कर अब 782 हो गई है.
होटल आपस में चिपकने लगे हैं- कॉमेट होटल के मालिक
कॉमेट होटल के मालिक देवेश कुंवर का कहना है कि होटल आपस में चिपकने लगे हैं. सुरक्षा को देखते हुए पहले ही होटल के सामान को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया गया है. कहा कि इसकी जानकारी प्रशासन को भी दे दी गई है.स्नो क्रेस्ट होटल की मालिक पूजा प्रजापति का कहना है कि वर्ष 2007 से होटल का संचालन किया जा रहा है. गत वर्ष से अभी तक होटल सुधारीकरण का काम किया जा रहा है, इस पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आया. अब होटल भू-धंसाव से तिरछा होने लगा है, जिससे सामान शिफ्ट करने का काम भी शुरू कर दिया गया है.
782 भवन में आईं दरारें
जानकारी देने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने शनिवार शाम तक होटलों का मौका मुआयना नहीं किया था. देर शाम संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी अपनी टीम के साथ मौका-मुआयना किया. वे अपनी रिपोर्ट रविवार को जिलाधिकारी को सौंपेंगे. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजित सिन्हा ने बताया कि अभी तक 782 भवन चिन्हित किए गए हैं, जिनमें दरारें आई हैं. 22 भवन शनिवार को चिन्हित किए गए. उन्होंने बताया कि गांधीनगर में एक, सिंहधार में दो, मनोहरबाग में पांच, सुनील में सात वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं.
जोशीमठ में कुल 615 कमरों में 2190 लोगों के ठहरने की है व्यवस्था
इन वाडरें में 148 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं. यहां से 223 परिवारों को सुरक्षा के दृष्टि से अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है, जबकि विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 754 है. सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि राहत शिविरों की क्षमता में वृद्धि करते हुए अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 615 कमरों में 2190 लोगों के ठहरने की ववस्था की गई है, जबकि पीपलकोटी में 491 कमरों में 2205 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है.
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