Joshimath Landslide: रूड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान द्वारा सोमवार को जोशीमठ भूधंसाव विस्थापितों के लिए ‘मॉडल प्री फैब शेल्टर’ का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया गया.  उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जोशीमठ के पास स्थित एचडीआरआई में उद्यान विभाग की भूमि पर एक शयनकक्ष, हॉल और रसोई वाली इकाइयों से लेकर तीन शयनकक्ष, हॉल और रसोई वाले मकान बनाए जाएंगे.


अब तक 261 प्रभावित परिवारों को दिए  गए 3.45 करोड़ रुपये
इसके अलावा, चमोली जिले के ढाक गांव में भी ऐसे ‘मॉडल प्री फैब शेल्टर’ निर्माण हेतु भूमि का चयन होने के बाद भूमि समतलीकरण, बिजली, पानी, सीवर आदि की व्यवस्था की जा रही है. मॉडल प्री फैब शेल्टर में मकान के अलग-अलग घटकों का कहीं दूर निर्माण कर उस स्थान पर स्थापित किया जाता है. जहां पर आवास की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर अब तक 261 प्रभावित परिवारों को 3.45 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई है.


181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में
अधिकारी ने बताया कि जोशीमठ में अज्ञात भूमिगत स्रोत से निकलने वाले पानी का रिसाव घटकर 180 लीटर प्रति मिनट हो गया है. छह जनवरी को यह 540 लीटर प्रति मिनट था. उन्होंने बताया कि अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं जिनमें से 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में हैं. अधिकारी ने बताया कि अब तक सुरक्षा के दृष्टिगत 278 परिवारों के 933 सदस्यों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है. आपको बता दें कि के घरों में जिस तरह दरारें आ रही हैं. वहीं अगर जोशीमठ धंसता है तो इसके इर्द-गिर्द बहती नदियों का स्तर मलबा गिरने से बढ़ जाएगा और पानी दूसरे कस्बे में घुस जाएगा जिसके बाद बाकी इलाकों में भी भारी नुकसान झेलना पड़ेगा.


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