Kainchi Dham Temple: विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करोली महाराज के कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस हर साल 15 जून को एक विशाल मेला लगता है. इस मेले देश और विदेश के लाखों को श्रद्धालु पहुंचकर बाबा नीम करौली महाराज का दर्शन करते हैं. हर साल मेले में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए नैनीताल जिला प्रशासन एवं पुलिस ने तैयारियां पूरी कर लीं है.


कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस के अवसर पर नैनीताल जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की तरफ से यातायात की समस्या से निपटने के लिए शटल सेवा की शुरुआत की गई. श्रद्धालुओं को हल्द्वानी से भीमताल तक पहुंचाने के लिए शटल सेवा सेवा की शुरुआत की गई है, ये सेवा 14 और 15 जून तक रहेगी. जिला प्रशासन ने कहा कि कैंची धाम मंदिर की स्थापना दिवस के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. इसीलिए यात्रा को सुगम बनाने के लिए शटल बस सेवा की शुरुआत की गई है, ताकि जगह-जगह लगने वाले जाम की स्थिति से निपटा जा सके और श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम और सरल बनाया जा सके.


भवाली से कैंची धाम मंदिर तक चलेगी 350 टैक्सी
कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस के अवसर पर कैंची आने वाले श्रद्धालुओं को अपने दोपहिया और चार पहिया वाहनों को भवाली में ही रोक दिया जाएगा. श्रद्धालुओं अपने वाहनों को अलग अलग पार्किंग में पार्क कर सकते हैं, यहां से श्रद्धालु शटर सेवा में लगीं टैक्सी में बैठकर कैंची धाम मंदिर जा सकतें हैं. शटर सेवा में लगें वाहनों का भवाली से कैंची धाम तक का प्रति व्यक्ति किराया 50 रुपये निर्धारित किया गया है.


हल्द्वानी से भवाली तक शटल सेवा में लगाई गई 50 बस
देश और विदेश से आने वाले बाबा नीम करोली महाराज के भक्तों के लिए हल्द्वानी से भवाली तक पहुंचने के लिए शटल बस सेवा में उत्तराखंड रोडवेज एवं कुमाऊं मोटर ओनर्स की 50 बस लगाईं गई है. इन बसों में एक तरफ का प्रति व्यक्ति किराया 100 रुपए निर्धारित किया गया है, शटल सेवा में लगीं गाड़ियों पर किराया भी लिखा जाएगा. ताकि श्रद्धालुओं को कोई भी वाहन संचालक अधिक पैसे ना वसूल सकें.


3.5 लाख भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था 
विश्व विख्यात बाबा नीम करोली महाराज के कैंची धाम मंदिर के 60 वें स्थापना दिवस को लेकर मंदिर प्रशासन की तरफ से तैयारियां पूरी कर ली है. मंदिर प्रशासन की तरफ से इस साल 3 लाख 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए मालपुआ के प्रसाद की व्यवस्था की गईं हैं, 15 जून को सुबह मंदिर में भोग लगाने के बाद से भक्तों को वितरित किया जाएगा.


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