Kashipur ATM Fraud: उत्तराखंड (Uttarakhand) के काशीपुर (Kashipur) में पुलिस के हत्थे एक ऐसा संगठित गिरोह चढ़ा है जो बड़े ही शातिर तरीके से मशीन में एटीएम कार्ड (ATM Card) फंसने का झांसा देकर लोगों के खाते से रकम उड़ा लिया करते थे. पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये तीनों आरोपी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रहने वाले हैं. इनके खिलाफ यूपी (UP), गाजियाबाद (Ghaziabad) और उत्तराखंड के कोटद्वार में मुकदमें दर्ज हैं. इनका एक साथी फरार बताया जा रहा है पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
एसएसपी उधमसिंह नगर टीसी मंजूनाथ ने इस गिरोह का खुलासा करते हुए बताया कि काशीपुर के मोहल्ला काजीबाग के रहने वाले राजेश कुमार और रेलवे कॉलोनी निवासी अमीर चन्द्र ने पुलिस में तहरीर देकर बीती 9 अक्टूबर को अपने एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी से हजारों रुपये निकाले जाने की शिकायत की थी. मामले में पुलिस ने केस दर्ज करने के साथ ही टीमें गठित कर सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए संदिग्धों के फोटो व वीडियो तैयार कर जांच पड़ताल शुरू की. इसी बीच पुलिस को मुखबिर से इनकी सूचना मिली और वाहन चैकिंग के दौरान पुलिस ने बदमाशों को धर दबोचा.
गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार
एसएसपी ने कहा कि मुखबिर की सूचना पर वाहन चैकिंग की जा रही थी, तभी एक कार को रोककर तलाशी की गई. इस कार से ICICI मर्चेन्ट सर्विसेज की ई-स्वैप मशीन, पेटीएम पैमेंट बैंक की एक मशीन, एक प्लास (एमटीएम में फंसें कार्ड को खींच कर निकालने के लिये प्रयुक्त), फेवीक्विक के 24 पाउच, विभिन्न बैंकों के दस एटीएम जिनमें से कई पर प्लास से खींचने के निशान हैं, 46300 रुपये नगद, कोटक महेेन्द्रा बैंक की चैक बुक, पांच स्मार्ट फोन और दो की-पैड फोन बरामद हुए. पुलिस ने कार कब्जे में लेने के साथ ही कार सवारों को हिरासत में ले लिया.
इन तीनों आरोपियों के नाम रोहित कुमार, नाजिम, मनीष कुमार हैं. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने 9 अक्टूबर को काशीपुर क्षेत्र में ICICI बैंक और पीएनबी के एटीएम स्लाॅट में फेवीक्विक लगाकर कस्टमर का एटीएम फंसा दिया. कस्टमर के जाने के बाद प्लास की सहायता से उनका एटीएम निकालकर पैसे निकाल लिए. इसी तरह 10 अक्टूबर को कोटद्वार में और कुछ दिन पहले हापुड़ व नोएडा में भी इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया गया.
इस तरह लोगों को फंसाते थे अपने जाल में
एसएसपी के मुताबिक इस गिरोह में चार सदस्य हैं. सबसे पहले एक साथी एटीएम में जाकर फर्जी टोलफ्री नंबर एटीएम मशीन के ऊपर रख देता है. इसके वो एटीएम स्लाॅट में फेवीक्विक लगाकर बाहर आ जाता है, इसके बाद जो कस्टमर एटीएम से रुपये निकालने जाता है उसका एटीएम स्लाॅट में ही चिपक जाता है. जिसके बाद उनका दूसरा साथी रुपये निकालने के बहाने एटीएम में जाता है और कस्टमर से समस्या पूछता है. उसकी मदद के बहाने वो फर्जी टोल फ्री नंबर पर फोन कर अपने एक ओर साथी को बुलाया था. इसके बाद फर्जी कस्टमर केयर का सदस्य बना युवक उसका पिन डायल करने को कहता है जिसे पास खड़ा उनका आदमी नोट कर लेता है.
इसके बाद वो कस्टमर से कहता है कि एटीएम मशीन खराब हो गई है. शाम को हमारा इंजीनियर आएगा, आपको फोन कर एटीएम दे दिया जाएगा. जैसे ही वो कस्टमर वहां से चला था वो प्लास से एटीएम को बाहर निकाल लेते और बैलेंस चेक करने के बाद उससे पैसे निकाल लेते थे. ये लोग अक्सर ऐसे एटीएम को निशाना बनाते थे, जहां लोग कम होते थे. एसएसपी ने कहा कि इस गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके एक साथी चन्द्रशेखर उर्फ बंटी की तलाश की जा रही है.