Kedarnath Dham News: उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ के चलते 26 दिन बाद सोमवार से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर अब घोड़ों और खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो गई. इससे पहले, पैदल रास्ते को दुरुस्त कर 16 अगस्त से श्रद्धालुओं की पैदल आवाजाही शुरू कर दी गयी थी. घोड़ों-खच्चरों की आवाजाही शुरू होने से अब अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम तक पहुंच सकेंगे.


रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पैदल आवाजाही के बाद अब घोड़ों-खच्चरों के लिए भी पैदल रास्ता खोल दिया गया है. उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को आई आपदा से केदारनाथ धाम तक जाने वाला 19 किलोमीटर लंबा पैदल रास्ता 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था. सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन के निर्देशन एवं निगरानी में तेजी से काम होने के चलते अब पैदल मार्ग पर घोड़ों-खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो गई है.


भूस्खलन होने के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग गया था ध्वस्त  


रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि अब घोड़ों- खच्चरों से राशन एवं अन्य अनिवार्य सामग्री की आपूर्ति भी शुरू हो गई है. इकत्तीस जुलाई की रात बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन होने के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग जगह-जगह ध्वस्त हो गया था, जिसके कारण वहां फंस गए 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को करीब सप्ताह भर चले हवाई और जमीनी बचाव अभियान के जरिए सुरक्षित बाहर निकाला गया.


सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच मोटर मार्ग को किया जा रहा दुरुस्त 


आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच मोटर मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है, जिससे उसे वाहनों के लिए खोला जा सके. उन्होंने बताया कि रास्ते को खोलने के लिए बहुत ही तेजी के साथ काम किया जा रहा है. बहुत जल्द इसको लोगों के लिए खोल दिया जाएगा, जिसके बाद श्रद्धालु आसानी से सफर कर सकेंगे.


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