Uttarakhand News: केदारनाथ में डेढ़ फीट तक जमी बर्फ, -15 डिग्री तापमान में रहना मुश्किल, नीचे लौटने लगे मजदूर
Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों में लगे मजदूर माइनस डिग्री तापमान में रहकर जीवन काट रहे हैं. बर्फबारी के कारण ज्यादातर निर्माण कार्य बंद पड़े हुए हैं.
Kedarnath Dham Snowfall: उत्तराखंड में पहाड़ी जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है, बाबा केदारनाथ धाम में डेढ़ फीट तक बर्फ जम चुकी है, जिसकी वजह से अब यहां इंसानों का रहना तक मुश्किल हो गया है. ऐसे में केदारनाथ धाम में पुनर्निमाण कार्य में जुटे मजदूर अब नीचे की ओर लौटने लगे हैं. वहीं बाकी मजदूर धाम में बन रहे तीर्थ पुरोहित भवन, प्रशासनिक एवं हॉस्पिटल भवन के भीतर का निर्माण कार्य कर रहे हैं. अगर ठंड का प्रकोप और बढ़ता है तो बाकी बचे मजदूर भी दस जनवरी से पहले नीचे लौट आएंगे.
रुद्रप्रयाग जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी जारी है, जिस कारण निचले क्षेत्रों में सुबह और रात के समय ठंड का प्रकोप अत्यधिक बढ़ गया है. केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य में जुटे मजदूर धीरे-धीरे नीचे सोनप्रयाग की ओर लौटने लगे हैं. केदारनाथ में ढाई सौ के करीब मजदूर विभिन्न निर्माण कार्यों में जुटे हुए थे. जिनमें से बड़ी संख्या में मजदूर वापस लौट आएं हैं.
केदारनाथ में डेढ़ फीट तक जमी बर्फ
धाम में ठंड का प्रकोप बढ़ने से अब मात्र 80 के करीब मजदूर ही धाम में रहकर तीर्थ पुरोहित आवास, प्रशासनिक व हॉस्पिटल भवन के भीतर के कार्यों को निपटाने में लगे हैं. पुनर्निर्माण कार्यों में लगे मजदूर माइनस डिग्री तापमान में रहकर जीवन काट रहे हैं. बर्फबारी के कारण ज्यादातर निर्माण कार्य बंद पड़े हुए हैं. मजदूरों के साथ ही धाम में आईटीबीपी और पुलिस के जवान मौजूद हैं. रात के समय यहां स्थिति ज्यादा खराब हो रही है. बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग किया जा रहा है. यदि इसी तरह बर्फबारी जारी रही तो धाम में निर्माण कार्यों को बंद करके मजदूर सोनप्रयाग लौट आयेंगे.
धाम में अब तक करीब डेढ़ फीट तक बर्फ जम चुकी है। लगातार हो रही बर्फबारी के कारण निर्माण कार्यों को करना मुश्किल हो रहा है. पोकलैंड और जेसीबी जैसी भारी मशीनों के पहिये जाम हो गए हैं. धाम में सुबह और रात के समय ठंड ज्यादा ही बढ़ गई है. मजदूरों को भी परेशानियां हो रही हैं. धाम में पेयजल लाइन भी जाम हो गई है. हालांकि बिजली व्यवस्था चाक-चौबंद है और प्राईवेट कंपनियों के नेटवर्क भी चल रहे हैं. पानी की किसी तरह से व्यवस्था की जा रही है.
जो मजदूर अभी केदारनाथ धाम में काम कर रहे है वो भी अगर आने वाले दिनों में इसी तरह का मौसम रहता है तो दस जनवरी से पहले नीचे लौट आएंगे. अभी इन मजदूरों को जीवन माइनस डिग्री के तापमान में कट रहा है.