Kedarnath Yatra 2022: 'मां गौरी' के कपाट खुलने के साथ केदारनाथ यात्रा का हुआ आगाज, अगले छह माह तक भक्त कर सकेंगे दर्शन
केदारनाथ यात्रा के आधार शिविर गौरीकुंड स्थित मां गौरी मंदिर के कपाट विधि विधान से खोल दिये गए हैं. गौरी गांव से मां गौरी की डोली को गौरीकुंड लाया गया है, जहां पर पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले गये.
Uttarakhand News: केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra ) के आधार शिविर गौरीकुंड (GauriKund) स्थित मां गौरी मंदिर (Maa Gauri Mandir) के कपाट विधि विधान से खोल दिये गए हैं. गौरी गांव (Gauri Gaon) से मां गौरी की डोली को गौरीकुंड लाया गया है, जहां पर पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले गये. इस दौरान मां गौरी की डोली को मंदिर में विराजमान किया गया. अब छह माह तक मां गौरी के दर्शन भक्त यहीं पर कर सकेंगे.
कब तक गौरीकुंड में होगा दर्शन
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बैसाखी पर्व पर मां गौरी के कपाट विधि-विधान से खोल दिये गये हैं. ग्रीष्मकाल में मां गौरी की पूजा-अर्चना गौरीकुण्ड स्थित गौरी मंदिर में की जाती है. जबकि शीतकाल में गौरी गांव में की जाती है. गुरूवार सुबह के समय गौरी गांव में पूजा-अर्चना के बाद डोली को बाहर लाया गया. जिसके बाद मठापति सम्पूर्णानदं गोस्वामी एवं पुजारी गौरी शंकर गोस्वामी की अगुवाई में डोली को गौरीकुण्ड स्थित गौरी मंदिर में लाया गया. यहां पर शिव-पार्वती तथा गौरी माता की भोग मूर्तियों का हवन से शुद्धिकरण कर पूर्व परंपरा के तहत कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई. गौरी मंदिर के कपाट खुलने के बाद केदारनाथ यात्रा का भी आगाज हो गया है. अब श्रद्धालु छह माह तक गौरीकुंड में मां गौरी के दर्शन कर सकेंगे.
कब खोले जाएंगे केदारनाथ के कापट
गौरी मंदिर के कपाट खुलने से स्थानीय व्यापारियों में भी खासा उत्साह बना हुआ है. दो साल तक कोरोना महामारी के कारण केदारनाथ यात्रा पर बुरा असर देखने को मिला है. जिससे लोगों को इस बार की यात्रा से खासी उम्मीदें हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस बार की यात्रा बेहद ही सुव्यवस्थित तरीके से संचालित होगी. जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल सकेगा. व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को रंग-रोगन से सजाने के बाद खोल दिये हैं. जबकि गौरीकुंड में श्रद्धालुओं की चहल-कदमी भी शुरू हो गई है. गौरी मंदिर के पुजारी गौरीशंकर गोस्वामी ने बताया कि केदारनाथ डोली के धाम जाते समय एक रात्रि विश्राम गौरी मंदिर में किया जाता है. चार मई को बाबा केदारनाथ की उत्सव डोली गौरी मंदिर पहुंचेगी और दूसरे दिन तप्तकुंड में स्नान के बाद उत्सव डोली धाम के लिए रवाना होगी. छह मई को विवि-विधान से बाबा केदारनाथ के कपाट भी खोल दिये जायेंगे.
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