Budget 2024: केंद्र सरकार अपना बजट 2024 _25 जारी करेगी इससे उत्तराखंड को काफी उम्मीद है. इस बार पेश होने वाले बजट से उम्मीद है की ये बजट अगले आने वाले पांच सालो के विकास की दिशा और दशा तय करेगा. इस बजट का फायदा उत्तराखंड जैसे राज्यों को होने की संभावना है. उत्तराखंड में कई बड़ी परियोजनाएं चल रही है. जैसे पानी की समय का समाधान करने के लिए कुमाऊं और गड़वाल में बनाई जा रही जमरानी बांध परियोजना को वित्तीय पोषण के लिए पीएमकेएसवाई में शामिल कर लिया गया है. लेकिन सौंग बांध परियोजना के लिए राज्य सरकार कोशिशें कामयाब नही हो पाई.


राज्य सरकार को केंद्र बजट में सौंग बांध परियोजना के लिए बजट की घोषणा की गारंटी की दरकार है.राज्य सरकार चाहती है की जिस तेजी से ऋषिकेश से करणप्रयाग तक रेल पहुंचने की योजना पर काम चल रहा है ठीक वैसे ही तेजी से केंद्र सरकार बागेश्वर उत्तरकाशी तक रेल पहुंचने की योजना शुरू करके दिखाएं इसके लिए प्रदेश सरकार ऋषिकेश उत्तरकाशी और टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना में केंद्र से विशेष प्रावधान की उम्मीद कर रही है आने वाले इस बजट में अगर इस परियोजना को मंजूरी मिल जाती है तो राज्य सरकार और राज्य के लोगों के लिए बेहद खुशी की बात होगी. 


यह रेल परियोजना नेपाल और भारत की सीमाओं को जोड़ने वाली परियोजना नहीं होगी कनेक्टिविटी के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण परियोजना है. 


वहीं बात करें उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र की तो उत्तराखंड में पर्यटन क्षेत्र के लिए बजट के लिए नए प्रावधान की जरूरत है खास तौर पर ग्रामीण और सिवान क्षेत्र में पर्यटन बढ़ाने के लिए रोपवे परियोजनाएं और साहसिक खेल गतिविधियों में उत्तराखंड केंद्र से विशेष मदद चाहता है अगर इस बजट सत्र में इन चीजों के लिए बजट मिल जाता है तो उत्तराखंड की पर्यटन गतिविधियों में और भी तेजी आ सकती है.


उत्तराखंड में एक बड़ी समस्या भी है उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या लगातार सामने आ रही है राज्य सरकार इसको लेकर के चाहती है कि उत्तराखंड में क्रॉनिक लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट के लिए अध्ययन केंद्र नहीं है इसके लिए राज्य में ही सीमांत जिले चमोली पिथौरागढ़ या फिर चंपावत में शोध संस्थान खोला जाए इसके लिए केंद्रीय बजट में प्रावधान की उम्मीद राज्य सरकार को है. 


उत्तराखंड की कुल आबादी सभा करोड़ है लेकिन उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन के लिए आने वाले लोगों की संख्या लगभग 8 करोड़ होती है हर साल जिसके लिए उत्तराखंड में बुनियादी सुविधाएं जुटाना होती है इसके लिए केंद्रीय योजनाओं में वित्तीय प्रावधान फ्लोटिंग आबादी के हिसाब से चाहती है राज्य सरकार को अगर यह सब मिल जाता है तो राज्य सरकार आने वाले सालों में राज्य में आने वाले तमाम तीर्थ यात्रियों और पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण काम कर सकती है इसके लिए भी राज्य सरकार को केंद्र सरकार से बजट की उम्मीद है. 


इन मुद्दों का निराकरण चाह रहे लोग
उत्तराखंड में लोग उम्मीद कर रहें है की उनकी उम्मीदों पर केंद्र सरकार खरी उतरेगी राज्य में कई बड़ी चीज़े है जो केंद्र सरकार के इस बजट पर उम्मीद लगाए बैठी है.


1-पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन में जुड़े हजारों कर्मचारी उम्मीद कर रहे कि केंद्रीय बजट में नई पेंशन योजना के लिए कर्मचारी हित में बदलाव हों.


2-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की तरह जल जीवन मिशन योजना के कार्यों की मरम्मत के लिए केंद्रीय सहायता का प्रावधान हो.


3-एसडीआरएफ योजना में हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन और वनाग्नि को भी शामिल किया जाए.


4-दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजना में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए दो करोड़ प्रति मेगावाट की दर से 8000 करोड़ की वाइबिलिटी गेप फंडिंग (वीजीएफ) प्रावधान हो.


5-सामाजिक सुरक्षा के लिए वृद्धावस्था पेंशन में केंद्रांश 200 से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह हो.


6-मनरेगा कार्यक्रम के तहत पर्वतीय राज्यों के लिए श्रम व सामग्री का 60 अनुपात 40 के स्थान पर 50 अनुपात 50 हो.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड से विशेष लगाव है. वह अक्सर यहां आते रहते हैं ऐसे में यहां के लोगों को इस बार आने वाले बजट से काफी उम्मीद है. यहां के लोग चाहते हैं कि उत्तराखंड को इस बार के बजट में कुछ ऐसा मिले जिससे यहां के लोगों के लिए चीजे आसान हो जाए.