(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Navratri 2021: कुमाऊं रेजिमेंट की आराध्य देवी हैं मां हाट कालिका, मंदिर का रखरखाव करते हैं सेना के जवान
Mahakali Mandir in Pithoragarh: पिथौरागढ़ दिले में स्थित मां हाट कालिका मंदिर का रखरखाव सेना के जवान करते हैं. महाकाली कुमाऊं रेजिमेंट की आराध्य देवी हैं.
Mahakali Mandir in Uttarakhand: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले से 80 किमी दूर गंगोलीहाट में स्थित महाकाली मंदिर को हाट कालिका के नाम से भी जाना जाता है. हाट मंदिर के पास रावल समुदाय का गांव है. गांव के लोग मंदिर की व्यवस्थाओं को संभालते हैं. कुमाऊं रेजिमेंट महाकाली माता को अपनी आराध्य देवी मानते हैं. कुमाऊं रेजिमेंट में कोई भी आयोजन बिना महाकाली माता की पूजा के बिना अधूरा माना जाता है.
यूं तो वर्ष भर श्रद्धालुओं का यहां आना लगा रहता है, लेकिन नवरात्र मे यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. कुमाऊं रेजिमेंट मंदिर का रखरखाव करने के साथ-साथ पिथौरागढ़ ब्रिगेड में मौजूद रहने वाली कुमाऊं रेजिमेंट के कुछ जवान मंदिर परिसर मे रहते हैं. यंहा पर कुमाऊं रेजिमेंट ने गेस्ट हाउस के साथ ही मंदिर परिसर मे तमाम निर्माण कार्य कराए हैं.
दशहरा के दिन कुमाऊं रेजिमेंट की पूरी बटालियन मंदिर मे महाकाली की भव्य पूजा का आयोजन करती है. दीप चंद्र पंत मुख्य पुजारी ने बताया यंहा पर मां जगदम्बा साक्षात रुप मे विराजमान हैं. मां महाकाली सिद्धपीठ की स्थापना छठी, सातवीं सदी मे जगद्गुरू शंकराचार्य ने की थी. जगद्गुरु शंकराचार्य स्वयं शिव रुप थे. विकराल रूप मे माता यहां पर विराजमान थी.
उन्होंने देवी की शक्ति को सात कड़ाहियों के नीचे किलीत कर दिया गया तब से देवी शांत हो गई, कुमाऊं रेजिमेंट का जयघोष का नारा ही जय महाकाली का है.
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