Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने बाहरी राज्यों के निवासियों के लिए जमीन खरीदने के नियमों को कड़ा कर दिया है. राज्य में भूमि की बढ़ती मांग और बाहरी निवेशकों द्वारा कृषि और बागवानी के नाम पर बड़े पैमाने पर जमीन खरीदने की प्रवृत्ति को देखते हुए, राज्य सरकार ने भूमि की खरीद पर सख्त पाबंदियां लगा दी हैं. यह कदम राज्य के पर्यावरण और स्थानीय निवासियों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है.


गैर-कृषि भूमि बाहरी राज्य के निवासी केवल आवासीय और वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए जमीन खरीद सकते हैं. हालांकि, इसके लिए भी कुछ सीमाएं और शर्तें लागू होती हैं. अधिकतर मामलों में, बाहरी निवासियों के लिए अधिकतम 250 वर्गमीटर तक की भूमि खरीदने की अनुमति होती है. इससे बड़ी जमीन खरीदने के लिए विशेष प्रशासनिक अनुमति की आवश्यकता होती है, और भूमि का उपयोग केवल आवासीय या वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है


कृषि भूमि वर्तमान में, बाहरी राज्यों के लोगों के लिए उत्तराखंड में कृषि भूमि खरीदने पर पूरी तरह से रोक है. पहले, यदि किसी बाहरी व्यक्ति के पास 12 सितंबर 2003 से पहले राज्य में कोई अचल संपत्ति थी, तो उसे कृषि और बागवानी के उद्देश्य से जमीन खरीदने की अनुमति दी जा सकती थी. लेकिन अब, इस प्रक्रिया पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है, जब तक कि नया भू-कानून लागू नहीं हो जाता.


उत्तराखंड में जमीन खरीदने को लेकर ये हैं नियम
जिलाधिकारी की अनुमति बाहरी राज्यों के निवासियों को किसी भी प्रकार की जमीन खरीदने से पहले जिलाधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य है. इस प्रक्रिया में खरीदार की पृष्ठभूमि की जांच की जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि खरीदी जाने वाली जमीन का उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाएगा. यह कदम राज्य में भूमि की अनियंत्रित खरीद और इसके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए उठाया गया है.


भू-कानून का संशोधन उत्तराखंड सरकार ने राज्य के लिए एक नया भू-कानून तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की है. इसके लिए एक प्रारूप समिति का गठन किया गया है, जो विशेषज्ञों और स्थानीय निवासियों से विचार-विमर्श करके कानून का मसौदा तैयार करेगी. इस नए कानून के आने तक, कृषि भूमि खरीदने पर रोक जारी रहेगी, और जिलाधिकारी बाहरी निवासियों को जमीन खरीदने के प्रस्तावों में अनुमति नहीं देंगे


क्या है वर्तमान स्थिति
बाहरी राज्यों के निवासियों के लिए कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगा दी गई है. केवल आवासीय और वाणिज्यिक उपयोग के लिए ही सीमित मात्रा में भूमि खरीदी जा सकती है. इसके अलावा, जो लोग राज्य में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों और शर्तों का पालन करना होगा. भूमि खरीदने की प्रक्रिया में प्रशासनिक मंजूरी और पृष्ठभूमि की जांच अनिवार्य है. यह कदम राज्य की पारिस्थितिकी और सामाजिक संरचना की सुरक्षा के लिए आवश्यक माना गया है.


उत्तराखंड में भूमि खरीदने के इच्छुक बाहरी निवासियों को नए भू-कानून के लागू होने तक इंतजार करना होगा, जिसके बाद स्पष्टता मिलेगी कि वे कितनी जमीन और किन शर्तों के साथ खरीद सकते हैं. उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय राज्य की जनता और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के उद्देश्य से लिया गया है. बाहरी राज्यों के निवासियों के लिए फिलहाल कृषि भूमि खरीदने की अनुमति नहीं है, और गैर-कृषि भूमि खरीदने के लिए भी कई शर्तें लागू होती हैं.


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