Uttarakhand News: उत्तराखंड में भूस्खलन की संवेदनशीलता की जिलेवार मैपिंग की तैयारी शुरू होना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य में भूस्खलन के खतरों को कम करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा. इस पहल के तहत, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में भूस्खलन की सूचनाओं के डेटाबेस के निर्माण, भूस्खलन के खतरों व जोखिमों के आकलन, और भूस्खलनों के स्थलीय परीक्षण को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं.
इस पहल का उद्देश्य उत्तराखंड में भूस्खलन के खतरों को कम करना और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. अल्मोड़ा, गोपेश्वर, मसूरी, नैनीताल और उत्तरकाशी जैसे जिलों में भूस्खलन के खतरों व जोखिमों के आकलन की रिपोर्ट तलब की गई है, ताकि इन क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरती जा सके.
विकास के कार्यों को मिलेगा बढ़ावा
भूस्खलन की संवेदनशीलता की जिलेवार मैपिंग से उत्तराखंड में भूस्खलन के खतरों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी और सुरक्षा उपायों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा. इससे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और राज्य में भूस्खलन के खतरों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा. इस पहल के परिणामस्वरूप, उत्तराखंड में भूस्खलन के खतरों को कम किया जा सकेगा और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. इससे राज्य में विकास के कार्यों को भी बढ़ावा मिलेगा और लोगों के जीवन में सुधार होगा.
लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी
उत्तराखंड सरकार की यह पहल राज्य में भूस्खलन के खतरों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. इस पहल के तहत, राज्य सरकार भूस्खलन के खतरों को कम करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू करेगी, जैसे कि भूस्खलनों के स्थलीय परीक्षण, भूस्खलन के खतरों व जोखिमों के आकलन, और भूस्खलनों के लिए सुरक्षा उपायों को लागू करना.
ये भी पढ़ें: लखनऊ PGI की डॉक्टर को किया डिजिटल अरेस्ट, फर्जी CBI अधिकारी बन ठग लिए 2.81 करोड़ रुपये