Uttarakhand News: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के लोग इन दिनों तेंदुए की दहशत के साये में जी रहे हैं. खौफ इतना है कि शाम ढलते ही सारी दुकानें बंद होने लगती हैं, लोग अपने घरों में छुप जाते हैं और सड़कें सुनसान हो जाती है. लोगों ने घर से बाहर निकलना भी कम कर दिया है. बहुत जरुरी हो तो ही वो बाहर जा रहे हैं. यही नहीं बच्चों को भी खेलने के लिए बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है. पुलिस मुनादी करके लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी जारी कर रही है. 


दरअसल देहरादून व आसपास के इलाक़ों में इन दिनों तेंदुए के होने की वजह से आतंक ने लोगों को डरा दिया है. यहां आदमखोर तेंदुए जानवरों के साथ लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. पिछले दिनों तेंदुए ने एक 10 साल के बच्चे को निशाना बनाया, जिसकी वजह से बुरी तरह घायल हो गया, उसकी हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है. 


देहरादून के सबसे पॉश इलाके केनाल रोड पर तेंदुए का आतंक बढ़ने के बाद पुलिस प्रशासन एक्शन में है. लोगों को अलर्ट किया जा रहा है. शाम के बाद घरों के दरवाजे बंद होने लगते हैं. डरे सहमे लोग घरों से नहीं निकल रहे. यहां पर तेंदुए ने अब तक कई गाय, भैंस, बकरी को भी अपना निवाला बनाया हैं. पुलिस प्रशासन भी इन घटनाओं को लेकर सतर्क है शाम ढलते ही लोगों के घर जाने की हिदायत दी जा रही है. 



जानवरों के हमलों में हुई बढ़ोतरी
उत्तराखंड में पिछले दो महीने में जंगली जानवरों के हमलों में तेज़ी देखी गई है. आंकड़ों के मुताबिक ये जानवर 11 लोगों की जान ले चुके हैं इनमें से 6 लोगों को तेंदुआ यानी गुलदार ने अपना शिकार बनाया है. इनमें से सबसे ज़्यादा घटनाएं नैनीताल, रामनगर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर में देखने को मिली है. नैनीताल में 3 महिलाओं को बाघ मौत के घाट उतार चुका है. इनके अलावा बाघ, हाथी और भालू के हमले में 306 लोग घायल हो चुके हैं. 


सीएम धामी ने भी जताई चिंता
उत्तराखंड में गुलदार, टाइगर और हाथियों की संख्या तेजी से बढ़ी है. जंगलों में भोजन नहीं मिलने की वजह से गुलदार आबादी वाले इलाके में पहुंच रहे हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी भी इसे लेकर चिंता जता चुके हैं. सीएम ने वन विभाग को समस्या से निपटने के निर्देश दे दिए हैं. वन विभाग ड्रोन से खेतों की निगरानी कर रहा है. वहीं शहरी इलाके में तेंदुए खुले घूम रहे हैं ऐसे में लोगों की जान पर ख़तरा बना हुआ है.