Uttarakhand Politics: उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और धनोल्टी से निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार (Pritam Singh Panwar) के बाद उत्तरकाशी की पुरोला सीट से कांग्रेस विधायक राजकुमार (Rajkumar) के भाजपा (BJP) में शामिल होने के बाद आज दिन भर किशोर उपाध्याय (Kishore Upadhyaya) के नाम की चर्चा रही. किशोर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और एनडी तिवारी सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं. सोशल मीडिया पर अटकलों का बाजार गर्म होने के बाद किशोर उपाध्याय को हर जरूरतमंद तलाश रहा था, वो चाहे मीडिया हो या कांग्रेस के नेता. उधर अनिल बलूनी (Anil Baluni) को भी खोजा जाता रहा ताकि सत्य का पता चल सके.


दरअसल, पिछले एक सप्ताह में बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने एक अभियान के तहत विरोधी दलों में ऐसी तोड़ की कि खलबली मच गयी. इसी क्रम में आज सुबह जैसे ही अनिल बलूनी ने ट्वीट कर किसी बड़े नेता के बीजेपी में शामिल होने की सुचना फ्लैश की तो उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में हलचले तेज हो गयी. सब लोग किशोर उपाध्याय को तलाशने लगे.


सुबह से चल रहा सिलसिला दोपहर को ही समाप्त हुआ


उसके पीछे कारण यह था कि उपाध्याय का अपनी उपेक्षा को लेकर एक बयान मीडिया में चल रहा था. बस फिर क्या था मीडिया खबरों के लिहाज से और कांग्रेस अपने नेता की खबर लेने के लिए भागदौड़ करने लगे. सुबह से चल रहा यह सिलसिला दोपहर को ही समाप्त हुआ जब पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंदरजीत सिंह बीजेपी में शामिल हो गए. उधर बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी के फोन की घंटी भी दिन भर बजती रही, क्योंकि सही जानकारी या तो किशोर उपाध्याय दे सकते थे या फिर अनिल बलूनी.


उत्तराखंड की सियासत में आज उठे इस उबाल के बाद कांग्रेस भी पहले से ज्यादा सतर्क हो गयी है. क्योंकि एक विधायक के भाजपा में जाने के बाद विधानसभा में कांग्रेस की संख्या मात्र नौ रह गयी है. पिछले विधानसभा में कांग्रेस के कुल 11 विधायक जीतकर आये थे, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश के निधन और राजकुमार के भाजपा में जाने के बाद अब मात्र नौ विधायक रह गए हैं.



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