Dehradun News: उत्तराखंड की भारतीय जनता पार्टी सरकार में वन मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) ने कांग्रेस में लौटने की चर्चा को मंगलवार को यह कहते हुए और हवा दे दी कि वह भविष्य की कोई गारंटी नहीं ले सकते. उन्होंने हालांकि कहा कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें कहां से आ रही हैं. हरक सिंह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के बुलावे पर उनसे मिलने पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच मुलाकात दो घंटे से अधिक समय तक चली.


हालांकि, संवाददाताओं के सवाल किए जाने पर हरक सिंह ने कहा कि उन्हें (कौशिक को) मालूम है कि अगर हरक सिंह को जाना होगा तो वह फिर चर्चा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ''मैंने उनसे कह दिया और वह खुद भी जानते हैं कि जब कोई बात होगी तो मैं उन्हें बता दूंगा कि मैं ऐसा निर्णय लेने वाला हूं.'' यह पूछे जाने पर कि उनकी तरफ से इन चर्चाओं का कभी खंडन नहीं किया गया और यह नहीं कहा गया कि वह बीजेपी में ही बने रहेंगे, हरक सिंह ने कहा, ''गारंटी तो हमारे जीवन की भी नहीं है तो इस बात की गारंटी कैसे दी जा सकती है.'' इस संबंध में उन्होंने संवाददाताओं से ही सवाल किया कि क्या कोई रिपोर्टर इस बात की गारंटी दे सकता है कि वह हमेशा एक ही जगह काम करता रहेगा.


हरीश रावत बड़े भाई हैं- हरक सिंह रावत


वन मंत्री ने कहा कि उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी मामलों के राज्य प्रभारी दुष्यंत गौतम के अलावा सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंगलवार को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक से बात हुई है और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें कहां से आ रही हैं. उन्होंने कहा, ''फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं है. हम सब मिलकर, बीजेपी की सरकार कैसे आए, इस पर काम कर रहे हैं और हर दिन एक-एक पल इस मुददे को लेकर आपस में चर्चा कर रहे हैं.''


कांग्रेस नेता हरीश रावत के बारे में उन्होंने कहा कि वह उनके बड़े भाई हैं और अब वह उनके खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते. उन्होंने कहा कि हमारा छोटा सा प्रदेश है और यहां स्वस्थ राजनीति होनी चाहिए. इसी माह कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के अपने विधायक पुत्र के साथ कांग्रेस में वापसी के बाद हरक सिंह के भी कांग्रेस में लौटने की अटकलें जोरों पर हैं.


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