Uttarakhand News: उत्तराखंड में विधानसभा का सत्र 21 अगस्त से शुरू हो रहा है और यह सत्र 23 अगस्त तक चलेगा. इसको लेकर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए है. उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. भुवन कापड़ी का कहना है कि राज्य सरकार विधानसभा सत्र चलाना नहीं चाहती है केवल खानापूर्ति के लिए विधानसभा सत्र गैरसैंण में रखा गया है. सरकार की मंशा सत्र चलाने की नहीं है नियम कहता है कि सत्र साल में लगभग 60 दिन चलना चाहिए. लेकिन हमारे यहां साल में 7 दिन भी सत्र नहीं चल पाता है. ऐसे में जनता के सवाल राज्य सरकार तक कैसे पहुंचे. 


बता दें की गैरसैंण में 21 तारीख से  तीन दिवसीय मानसून सत्र की घोषणा हो चुकी है. जिसके बात से विपक्ष लगातार हमलावर है. उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा की तीन दिनों में राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होना एवं विपक्ष द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होना संभव नहीं है. सरकार जनता के प्रति जवाब देने से बचने का काम कर रहीं है. बजट सत्र लगभग तीन हफ्ते चलना चाहिए. लेकिन हमारे यहां बजट सत्र तीन दिन में नहीं चलता है.


'जनता के सवालों का जवाब कौन देगा'
उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि मानसून सत्र तीन दिन तक का है. जब विधानसभा नियमावली में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ कि सरकार को एक वर्ष में 60 दिनों तक सत्र चलाना चाहिए. जिससे महत्वपूर्ण विषयों में चर्चा हो सके. जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो,परन्तु सरकार का ये हाल है वो पाँच वर्ष में भी 60 दिन सत्र आहूत नहीं कर पा रही है. जिससे सरकार की मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है. सरकार बजट सत्र को भी तीन दिनों में ही समाप्त कर देती है. जबकि बजट सत्र अन्य राज्यों की तर्ज पर कम से कम तीन सप्ताह चलाना चाहिए. क्यूकी बजट विभागवार पेश किया जाता है. विभाग वार उसपर चर्चा होती है. ऐसे मैं जानता के सवालों के जवाब कोन देगा.


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