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Joshimath News: जोशीमठ शहर के अस्तित्व पर संकट, लगातार भू-धंसाव ने बढ़ाई चिंता, 500 से ज्यादा घरों में दरार
Joshimath Landslide: जोशीमठ में पिछले एक साल में 500 से ज्यादा मकानों में दरारें आ गई हैं. साल 2021 नवंबर में जोशीमठ के गांधीनगर में एकाएक मकानों में दरारें आनी शुरू हुई, जो बढ़ती चली गईं.
Joshimath Landslide News: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) शहर के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. पिछले कई दिनों से धंसाव के कारण जोशीमठ के कई मकानों में दरार आ गई है. जोशीमठ आध्यात्मिक, सामरिक दृष्टि से भी बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन लगातार यहां हो रहे भू-धंसाव (Land Slide) से शासन प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है. जिसके ट्रीटमेंट को लेकर शासन द्वारा बड़े स्तर पर प्रयास भी किये जा रहे हैं. हाल ही में आपदा प्रबंधन की एक टीम ने इसपर अध्ययन कर रिपोर्ट शासन को सौंपी है. अब जानकारी के मुताबिक फिर से धंसाव के कारणों की जांच की जाएगी.
जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर भू वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तराखंड में अनेक ऐसे स्थान हैं जो कच्ची मिट्टी के टीलों पर बसे हुए हैं. उन्हीं में से जोशीमठ के ये स्थान भी हैं जहां पर भू-धंसाव लगातार हो रहा है. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन निदेशक पीयूष रौतेला का कहना है कि पिछले दौरान जो रिपोर्ट तैयार की गई थी उसमें ये पाया गया कि जोशीमठ में भू-धंसाव का कारण पानी का रिसाव है और इसकी रिपोर्ट शासन को दे दी गई. शासन इस पर रिसर्च करने इन स्थानों पर क्या करना है इस पर फैसला लेगा. वहीं रौतेला ने ये भी कहा कि जोशीमठ के ठीक नीचे अलकनंदा नदी है, जिससे जोशीमठ के नीचे तलहटी में मिट्टी का कटाव हो रहा है. ये भी भू धंसाव का एक कारण है.
500 से ज्यादा मकानों में आई दरार
जोशीमठ में पिछले एक साल में 500 से ज्यादा मकानों में दरारें आ गई हैं. स्थानीय लोग इसे जोशीमठ की पहाड़ी के नीचे सुरंग से होकर गुजरने वाली एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को भी जिम्मेदार मान रहे हैं. साल 2021 नवंबर में जोशीमठ के गांधीनगर में एकाएक मकानों में दरारें आनी शुरू हुई, जो बढ़ती चली गईं. गांधीनगर छावनी बाज़ार में 30 मकानों में दरारें आई हैं यहां पर भू-धंसाव हो रहा है. इसको लेकर जनप्रतिनिधियों ने 16 नवंबर 2021 को प्रदर्शन कर प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी.
कई लोगों ने छोड़ा अपना घर
पहले इन दरारों व भू-धंसाव को मानसून के दौरान एक क्षेत्र में सामान्य भू-धसाव मानकर कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन धीरे-धीरे भवनों, खेतों में दरारों का दायरा बढ़ता गया. फिर मनोहर बाग, टीसीपी बाजार, नृसिंह मंदिर, दौडिल, रविग्राम सहित सुनील गांव में भी भवनों पर दरारें व भू-धंसाव होने से जनता आंदोलित हो गई. नगर पालिका परिषद द्वारा कराई गई सर्वे के अनुसार नगर में 500 भवनों में दरारें चिन्हित की गई हैं. नगर में दहशत के चलते 30 से अधिक लोग मकान खाली कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं.
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