Uttarakhand News: उत्तराखंड के बागेश्वर (Bageshwar) जिला मुख्यालय के पास जोशीगांव में एक ही परिवार के चार लोगों के आत्महत्या (Suicide) मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है. एसपी हिमांशु कुमार ने इस मामले में एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया है. साथ मौके से मिले सुसाइड नोट की जांच के लिए टीम बना दी गई है. आगे की जांच कपकोट कोतवाली और सीओ को सौंपी गई है. वहीं लापरवाही पर विभागीय जांच की जा रही है. विवेचना में अन्य तथ्य सामने आने पर सख्त कार्रवाई होगी.


दरअसल, पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा ने मीडिया को बताया कि गत दिनों जोशीगांव में गोविंद बिष्ट के मकान में परिवार के साथ किराये पर रहने वाले भूपाल राम पुत्र हरीश राम, निवासी भनार घटबगड़, थाना कपकोट, बागेश्वर की 38 वर्षीया पत्नी नंदी देवी, 14 वर्षीया पुत्री अंजलि, 7 वर्षीय पुत्र कृष्णा व एक वर्षीय पुत्र भावेश की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई थी. उनके शव कमरे में बिस्तर पर पड़े मिले थे. किराए के दोनों कमरे अंदर से बंद मिले थे. एसपी ने बताया कि परिजनों को बुलाकर शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद अंत्येष्टि कर दी गई है. उनका बिसरा जांच के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम  रिपोर्ट अभी आना बाकी है.


घर में मिला सुसाइड नोट
एसपी हिमांशु कुमार वर्मा ने बताया कि मृतकों के घर की तलाशी के दौरान एक सुसाइड नोट मिला, जो 6 पन्नों का था. लिखावट मिलाने से पता चला कि भूपाल राम की आठवीं में पढ़ने वाली पुत्री मृतका अंकिता ने यह सुसाइट नोट लिखा था. इसकी जांच राइटिंग एक्सपर्ट से भी कराई जाएगी. सुसाइट नोट का गहनता से अवलोकन करने के लिए एक टीम गठित कर दी गई है. उन्होंने बताया कि कमरे से एक पारदर्शी पन्नी में पाउडरनुमा पदार्थ भी मिला है, जिसमें सल्फास कीटनाशक जैसी गन्ध आ रही है. कीटनाशक पदार्थ को जांच के लिए लैब भेजा गया है.


आर्थिक तंगी की वजह से उठाया ये कदम
एसपी ने बताया कि सुसाइट नोट लिखा था कि आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और उनके खाने के लिए राशन नहीं है. पिता भूपाल राम गत 1 मार्च 2023 से घर नहीं आए. भूपाल ने कई लोगों से पैसे उधार लिये हैं. भूपाल अधिकतर बाहर रहता थे और लोग उनके घर व रास्ते में आते-जाते अपने पैसे वापस मांगने के लिए भूपाल की पत्नी पर दबाव बनाते थे. कुल मिलाकर भूपाल की करतूतों का सामना पत्नी व बच्चों को करना पड़ता था. जिससे पत्नी व बच्चे मानसिक तौर पर काफी परेशान थे. एसपी ने बताया कि  कुछ लोगों के नाम भी सुसाइट नोट में शामिल हैं, जो उनसे पैसे वापस देने के लिए उन पर दबाव बना रहे थे. इन पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.


स्थानीय पुलिस ने नहीं की मदद
एसपी ने यह भी बताया कि सुसाइट नोट में यह भी लिखा है कि उनकी शिकायत पर स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं मिला. उन्होंने बताया कि इस पर एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है और इसके कारण मामले की जांच बागेश्वर कोतवाली को नहीं बल्कि कपकोट कोतवाली और सीओ को सौंपी गई है. स्थानीय पुलिस की लापरवाही पर विभागीय जांच की जा रही है. विवेचना में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई होगी. एसपी ने कहा कि भूपाल राम को कांडा के चुचेर गांव से पुलिस लेकर आई है. उससे पूछताछ की जा रही है.


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