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Uttarakhand Nikay Chunav: उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में लाउडस्पीकर और साउंडबॉक्स पर सख्ती, जानें क्या हैं नियम
Uttarakhand Nagar Nikay Chunav: आदर्श आचार संहिता के तहत चुनाव प्रचार की सामग्री, जैसे पोस्टर, बैनर, और वॉल राइटिंग, केवल निजी भवनों या दीवारों पर मालिक की लिखित अनुमति के साथ ही लगाई जा सकती है.
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Uttarakhand News: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के तहत कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं. चुनाव प्रचार के दौरान लाउडस्पीकर और साउंडबॉक्स के उपयोग को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं. इनका प्रयोग केवल पूर्वानुमति लेकर ही किया जा सकेगा और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक इनका उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा.
निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, लाउडस्पीकर और साउंडबॉक्स का उपयोग अनुमन्य सीमा के भीतर ही किया जा सकेगा. इनसे निकलने वाली आवाज का डेसिबल स्तर भी तय मानकों के अनुरूप होना चाहिए. किसी भी स्थान पर स्थायी रूप से साउंडबॉक्स या लाउडस्पीकर स्थापित करना सख्त मना है. मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले किसी भी प्रकार के लाउडस्पीकर या प्रचार सामग्री के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
चुनाव प्रचार के दौरान रोड शो आयोजित करने के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्वानुमति लेना अनिवार्य होगा. रोड शो के दौरान यह सुनिश्चित करना होगा कि बड़े अस्पतालों, भीड़भाड़ वाले बाजारों और सार्वजनिक परिवहन मार्गों पर किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो. यह नियम आम जनता की सुविधा और शांति बनाए रखने के लिए लागू किया गया है.
आदर्श आचार संहिता के तहत चुनाव प्रचार की सामग्री, जैसे पोस्टर, बैनर, और वॉल राइटिंग, केवल निजी भवनों या दीवारों पर मालिक की लिखित अनुमति के साथ ही लगाई जा सकती है. सरकारी या सार्वजनिक संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का प्रचार सामग्री लगाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. ऐसा करने पर उत्तराखंड लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम-2003 के तहत दंडनीय कार्रवाई की जाएगी.
राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, चुनाव के दौरान सरकार का कोई भी मंत्री मतदान केंद्र पर केवल मतदाता के रूप में ही प्रवेश कर सकता है. मंत्री के लिए विशेष प्रावधान या अधिकार लागू नहीं होंगे, जिससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके.
चुनाव प्रचार के नियमों के तहत, मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले सभी प्रकार का चुनाव प्रचार, जिसमें लाउडस्पीकर, रोड शो, और जनसभाएं शामिल हैं, पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. इस अवधि को "मौन काल" कहा जाता है, जो मतदाताओं को शांतिपूर्वक और बिना किसी बाहरी दबाव के अपने निर्णय लेने का समय प्रदान करता है.
निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाए हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान लोगों की दैनिक दिनचर्या में कोई बाधा न उत्पन्न हो. लाउडस्पीकर के उपयोग और रोड शो के लिए समय और स्थान निर्धारित करने के नियम जनता की सुविधा और शांति बनाए रखने के उद्देश्य से बनाए गए हैं.
उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यदि कोई पार्टी, उम्मीदवार, या समर्थक नियमों का पालन नहीं करता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उल्लंघन के मामलों में निर्वाचन आयोग दोषी उम्मीदवार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा सकता है.
सभी प्रचार माध्यमों के लिए अनुमति अनिवार्य
चुनाव प्रचार के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी माध्यमों, जैसे वाहन, लाउडस्पीकर और साउंड सिस्टम के लिए संबंधित जिला अधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. अनुमति के बिना प्रचार सामग्री का उपयोग करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. आदर्श आचार संहिता के इन नियमों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है. इन नियमों का पालन करके राजनीतिक दल और उम्मीदवार यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो.
आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने की अपील
निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, और उनके समर्थकों से आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने की अपील की है. आयोग ने यह भी कहा है कि मतदाताओं को शांतिपूर्ण माहौल में अपने मताधिकार का प्रयोग करने देना सभी की जिम्मेदारी है. राज्य में आगामी चुनावों को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए यह दिशा-निर्देश महत्वपूर्ण हैं. आयोग ने उम्मीद जताई है कि सभी पक्ष इन नियमों का पालन करेंगे और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सफल बनाएंगे.
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