Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में नैनीताल (Nainital) के पाषाण देवी मंदिर (Pashaan Devi temple) के बगल में छह माह पहले हुए भूस्खलन (landslide) के बाद शनिवार को सड़क पर दिन रात काम कर खोल दिया गया है. संबंधित विभाग ने कुछ समय तक सुरक्षा की दृष्टि से इस मार्ग को आम लोगों की आवाजाही के लिए सुचारू नहीं किया है.
कब हुआ था भूस्खलन
नैनीताल के अयारपाटा क्षेत्र में 30 अगस्त से शुरू हुए भूस्खलन ने 18 और 19 कि विनाशकारी बरसात के बाद भीषण रूप अख्तियार कर लिया था. जिससे क्षेत्रवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. नैनीताल की पूर्वी मुखी अयारपाटा हिल में पाषाण देवी मंदिर और डिग्री कॉलेज हॉस्टल के बीचों बीच 21 सितंबर 2021 की रात भारी भूस्खलन हो गया था. अंधेरी रात को हुए इस भूस्खलन की आवाजों ने मौजूद लोगों की दिल की धड़कनें बड़ा दी थी. लगातार पड़ रही बारिश के कारण के.पी. हॉस्टल के बी-ब्लॉक भवन के ठीक नीचे से भूस्खलन हो गया. जिससे बड़े-बड़े पेड़ और पत्थर झील में समा गए. इससे न केवल गर्ल्स हॉस्टल भवन को खतरा हो गया बल्कि उसके नीचे से जाने वाली ठंडी सड़क भी बन्द हो गई. भूस्खलन की प्रवृत्ति को देखता हुए पुलिस ने ठंडी सड़क में लोगों की आवाजाही बन्द करा दी.
पहले भी हुआ था धवस्त
नैनीताल की मॉल रोड और नैनीझील के दूसरी तरफ एकांत में बनी ठंडी सड़क का अपना ही स्वरूप है. ठंडी सड़क झील के साथ साथ पूरे डेढ़ किलोमीटर तक चलती है. इस सड़क को पक्का न बनाकर मॉर्निंग वॉक करने और धावकों के लिए कच्चा ही रखा गया है. यहां घना जंगल होने के कारण किस्म-किस्म के पक्षी और वन्यजीव वास करते हैं. इस मार्ग में नब्बे के दशक में भारी भूस्खलन से राजभवन मार्ग का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त होकर नैनीझील में समा गया था. ठंडी सड़क में कुछ दिनों बाद पानी के चार इंची पाइप लगाकर भूस्खलन रोकने का प्रयास किया गया. लेकिन 28 अक्टूबर की सवेरे एक बार फिर भूस्खलन होने के बाद यहां काम रोक दिया गया था. भूस्खलन से राहगीरों को तो कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन झील के किनारे लगी रेलिंग और स्ट्रीट लाइट के लैंप श्रतिग्रस्त हो गए.
स्थानीय लोग थे नाराज
महीनों बीत जाने के बावजूद पैदल मार्ग नहीं खुलने से नाराज स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया में प्रशासन को घेरना शुरू किया. प्रशासन ने संबंधित विभाग को तत्काल मार्ग खोलने के आदेश दिए. जिसके बाद दिन रात जे.सी.बी. मशीन लगाकर सिंचाई विभाग ने शुक्रवार देर रात मार्ग को खोल दिया. कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता के.एस. चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद ये दायित्व उनके ऊपर आ गया. उन्होंने रात-दिन लगकर आज इस पैदल मार्ग को खोल दिया है. हालांकि उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से अभी इस पैदल मार्ग को जनता के लिए कुछ समय बाद खोल जाएगा.
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