नैनीताल: केंद्र और राज्य सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत देश में बेटियों को अलग पहचान दिला रहे हैं. इसी योजना के सकारात्मक पहलू के तौर पर अब उत्तराखंड में एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है. उत्तराखंड के नैनीताल से एक ऐसी कहानी शुरू होने जा रही है, जहां "घर की पहचान बेटी के नाम" से होगी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के उद्घाटन के बाद घरों के बाहर बेटी की नेमप्लेट घर की पहचान बन जाएगी. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बेटी को जमीन में हक जैसी महिलाओं के लिए सकारात्मक पहल के बाद अब सरकार एक नई शुरुआत करने जा रही है. इस योजना में घर की बेटी का नाम घर के बाहर लगने वाली नेमप्लेट में मुख्य नाम के स्थान में लगेगा. यह नाम घर को बेटी के नाम पर घर को एक नई पहचान देगा..
ऐपन शैली से सजा होगा नेम प्लेट
जिला प्रशासन की योजना के अनुसार ब्लॉक के सभी घरों में इस योजना को लागू किया जाएगा. इसमें प्रत्येक घर से एक बेटी का नाम लिया जाएगा और उसको एक नेमप्लेट में लिखा जाएगा. इस नेमप्लेट को सांस्कृतिक विरासत प्रमुख, लोककला ऐपन शैली से सजाया गया है.
अनोखी पहल
इसमें बेटी के नाम के साथ घर का पूरा पता लिखाया गया है. इस नेमप्लेट का निर्माण भी प्रशासन ही करा रहा है. शनिवार को मुख्यमंत्री इस योजना का उद्घाटन करेंगे. इस उद्दघाटन के बाद नैनीताल इस तरह की पहल करने वाला देश का पहला शहर बन जाएगा.
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