Uttarakhand Politics: लोकसभा चुनाव से पहले फिर छिड़ा नए जिलों का राग, कांग्रेस ने BJP के दावे पर उठाए सवाल
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर नए जिलों के बनाने की मांग ने तेजी पकड़ ली है. बीजेपी ने कहा कि रूप रेखा तैयार कर नए जिलों को जल्द
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Uttarakhand News: उत्तराखंड में नए जिलों की मांग एक बार फिर तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव में नए जिलों की मांग बड़ा मुद्दा बन सकता है. कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में 8 नए जिलों की मांग बरसों पुरानी है. कांग्रेस और बीजेपी सत्ता में रहने के बावजूद अब तक ऋषिकेश, पुरोला, काशीपुर, रूड़की, कोटद्वार, रानीखेत, डीडीहाट, रामनगर को नया जिला नहीं बनाया जा सकाउत्तराखंड में अभी नैनीताल, हरिद्वार, चंपावत, चमोली, उधमसिंह नगर, बागेश्वर, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, देहरादून, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी समेत अल्मोड़ा कुल 13 जिले हैं. नए जिलों का मुद्दा सिर्फ बयानबाजी तक सिमट जाता है. एक तरफ कांग्रेस नए जिलों के बनाने की वकालत कर रही है.
उत्तराखंड में तेज हुई नए जिलों की मांग
दूसरी तरफ बीजेपी भी नए जिले गठन को तैयार दिख रही है. बयानबाजी चुनाव के मद्देनजर की जाती है. चुनाव बाद नए जिलों का मुद्दा भुला दिया जाता है. कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नए जिले बनाने को लेकर 100 करोड़ का प्रस्ताव बनाया था. लेकिन कितना काम हुआ किसी को नहीं मालूम. अब लोकसभा चुनाव नजदीक आता देख एक बार फिर मुद्दे को गर्माने की कोशिश की जा रही है. उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति के कारण लोगों को खासी परेशानी होती है.
बीजेपी और कांग्रेस सरकार ने की उपेक्षा
नए जिले बनने से उत्तराखंड में कई इलाकों के लोगों को दूर दराज का सफर करने से छुटकारा मिलेगा. कई जिलों के लोगों को मुख्यालय जाने में 200 किलोमीटर का सरकार करना पड़ता है. इलाज के लिए जिला अस्पताल जाने से बेहतर दूसरे प्रदेश जाना आसान होता है. इसलिए उत्तराखंड में नए जिले का बनना बेहद जरूरी है. बीजेपी का कहना है कि नए जिलों पर सरकार काम कर रही है. जल्द नए जिलों की रूप रेखा तैयार कर अमली जामा पहनाया जाएगा. कांग्रेस बीजेपी के दावे को कोरी बकवास बता रही है. उसका कहना है कि नए जिलों का निर्माण सत्ता में आने के बाद करेगी. उत्तराखंड में 2 बार कांग्रेस और 3 बार बीजेपी की सरकार रह चुकी है. अब दोनों पार्टियां लोगों को नए जिलों की सौगात नहीं दे सकी हैं. उत्तराखंड में एक नई कमिश्नरी भी बनाई जा सकती है. अब तक कुमाऊं और गढवाल कमिश्नरी हैं. नए जिलों का गठन के बाद तीसरी कमिश्नरी की मांग जोर पकड़ सकती है.
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