उत्तराखंड में नए साल पर जमकर छलके जाम, करोड़ों की शराब पी गए लोग, बनाया नया रिकॉर्ड
Uttarakhand: शराब बिक्री और राजस्व संग्रहण में देहरादून और नैनीताल सबसे आगे रहे. इन दोनों जिलों ने कुल राजस्व का 50% से अधिक हिस्सा अर्जित किया. जबकि शेष राजस्व राज्य के अन्य 11 जिलों से आया.
Uttarakhand New Year Celebration: उत्तराखंड में नए साल का स्वागत बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ किया गया. प्रदेश के विभिन्न जिलों में लोगों ने रातभर जश्न मनाया और जमकर जाम छलकाए. इस एक दिन में शराब की बिक्री ने नया रिकॉर्ड बनाया, जिससे राज्य सरकार को 14.27 करोड़ रुपये का राजस्व मिला. देहरादून और नैनीताल में शराब की बिक्री सबसे ज्यादा रही, जो कुल राजस्व का आधे से भी अधिक हिस्सा रही.
इस साल नए साल का जश्न और खास बनाने के लिए सरकार ने रेस्टोरेंट और बार को देर रात तक खुला रखने की अनुमति दी. आम दिनों की तुलना में बार के समय में तीन घंटे का इजाफा किया गया और इन्हें रात दो बजे तक खुला रखने की छूट दी गई. इसके चलते प्रदेशभर में 600 बार लाइसेंस जारी किए गए, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने थे. अकेले देहरादून ने बार लाइसेंस और शराब बिक्री दोनों में बाजी मारी.
नये साल पर जमकर बिकी शराब
आबकारी विभाग के अनुसार, नए साल के मौके पर कुल 14.27 करोड़ रुपये की शराब बेची गई. इसमें अंग्रेजी शराब का योगदान सबसे अधिक रहा. नए साल के जश्न के दौरान अंग्रेजी शराब की 37,161 पेटियां, बीयर की 9,436 पेटियां और देसी शराब की 11,206 पेटियों की बिक्री हुई. आम दिनों की तुलना में शराब की बिक्री लगभग दोगुनी रही. खासतौर पर अंग्रेजी शराब की मांग सबसे अधिक रही, जबकि बियर और देसी शराब भी पीछे नहीं रहीं.
शराब बिक्री और राजस्व संग्रहण में देहरादून और नैनीताल सबसे आगे रहे. इन दोनों जिलों ने कुल राजस्व का 50% से अधिक हिस्सा अर्जित किया. जबकि शेष राजस्व राज्य के अन्य 11 जिलों से आया. नैनीताल में पर्यटन की वजह से शराब की खपत ज्यादा रही, वहीं देहरादून में युवाओं और स्थानीय निवासियों ने जश्न मनाने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
राजस्व विभाग को हुई खूब कमाई
आबकारी आयुक्त हरिचंद सेमवाल ने बताया कि इस बार शराब बिक्री के मामले में विभाग ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस साल विभाग 200 करोड़ रुपये आगे चल रहा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 का लक्ष्य 4,400 करोड़ रुपये है, जिसे पूरा करने की दिशा में यह बिक्री महत्वपूर्ण योगदान देगी. इस साल आबकारी विभाग ने अवैध शराब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. प्रवर्तन की सख्ती के चलते शराब की मांग को पूरा करने के लिए वन डे बार लाइसेंस भी दोगुने जारी किए गए. इस सख्ती ने शराब बिक्री को अधिक संगठित और कानून के दायरे में रखा.
उत्तराखंड में नए साल का जश्न राजस्व और उत्साह दोनों के लिहाज से यादगार रहा. शराब की बिक्री से 14.27 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिली. हालांकि, इसके सामाजिक और स्वास्थ्य प्रभावों पर भी ध्यान देना आवश्यक है. आबकारी विभाग की सक्रियता और सख्ती ने अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई, लेकिन आगे के लिए नीति निर्माण में संतुलन बनाए रखना जरूरी है.