उत्तराखंड के नव नियुक्त विधायकों ने ग्रहण की शपथ, अब विधानसभा में इतने हुए कांग्रेस के MLA
Dehradun News: उत्तराखंड की बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट से नव निर्वाचित विधायकों ने आज विधायक पद की शपथ ली. अब उत्तराखंड में कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड की दो विधान सभा सीटों पर हाल ही में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इन दोनों सीटों से कांग्रेस के प्रत्याशी जीत कर आए थे. मंगलौर विधानसभा से काजी निजामुद्दीन और बद्रीनाथ विधानसभा से लखपत बुटोला ने जीत दर्ज की थी. 27 जुलाई शनिवार को नव नियुक्त विधायको ने शपथ ग्रहण की. उत्तराखंड विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में हाउस स्पीकर रितु खंडूरी भूषण ने दोनों विधायकों को शपथ दिलाई. इस मौके पर कांग्रेस के विधायक और पार्टी नेता मौजूद रहे.
मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में निर्वाचित विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि उनके लिए यह खुशी का पल है, क्योंकि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी मंगलौर की जनता ने कांग्रेस का समर्थन किया और लठतंत्र पर लोकतंत्र कामयाब हुआ. इसके लिए उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता को बधाई दी. बद्रीनाथ से उपचुनाव जीतकर आए कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने कहा कि सदन के भीतर कांग्रेस का संख्या बल बढ़ा है इसके लिए वह जनता का आभार व्यक्त करते हैं. उन्होंने केदारनाथ में होने वाले उपचुनाव को लेकर दावा किया कि इस सीट पर भी कांग्रेस भारी वोटों से जीत हासिल करेगी. जनता बीजेपी के चाल चरित्र को पहचान चुकी है.
केदारनाथ सीट पर कांग्रेस की नजर
बता दे कि उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को मतदान हुआ था, जबकि 13 जुलाई को दोनों ही सीटों पर मतगणना हुई थी. कांग्रेस के पास पहले 19 सीटें थी लेकिन बद्रीनाथ से कांग्रेस के टिकट पर 2022 में चुनाव जीतने के बाद हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव से ठीक कुछ दिन पहले राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन की थी. तब से कांग्रेस की विधानसभा में केवल 18 सीट रह गई थी.
अब यह दोनों सीट जीतकर कांग्रेस के पास 20 विधायकों का संख्या बल हो गया है जबकि केदारनाथ विधानसभा से विधायक शेला रानी रावत के निधन के बाद यहां भी उप चुनाव होना है. इस पर भी कांग्रेस नजर जमाय बैठी है. जब की बीजेपी के लिए केदारनाथ चुनाव जीतना बेहद जरूरी है. उत्तरप्रदेश में की दस विधान सभाओं में होने वाले उप चुनाव के साथ उत्तराखंड की इस विधान सभा में भी चुनाव कराया जा सकता है.