बदरीनाथ धाम में चलाया गया सफाई अभियान, कूड़ा बेचकर हुई आठ लाख की आमदनी
Badrinath Dham: बदरीनाथ धाम के कपाट 17 दिसंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया. कपाट बंद होने से पहले इस साल रिकॉर्ड सवा चौदह लाख तीर्थ यात्रियों ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए.
Uttarakhand News Today: चार धाम यात्रा समापन के बाद उत्तराखंड स्थित बदरीनाथ धाम में सफाई अभियान चलाया गया और इस दौरान करीब डेढ़ टन अजैविक कचरे का संग्रहण किया गया.
इस संबंध में अधिकारियों ने यहां बताया कि पूरे यात्राकाल में बदरीनाथ नगर पंचायत ने कुल 180.70 टन कूड़ा इकट्ठा किया. इसमें से 110.97 टन अजैविक कचरे को बेचकर आठ लाख रुपये की आय अर्जित की हुई.
बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर की रात को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे, इसके साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन भी हो गया. इस यात्रा वर्ष में सवा चौदह लाख तीर्थ यात्रियों ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए.
दो दिन चलाया स्वच्छता अभियान
अधिकारियों ने आगे बताया कि नगर पंचायत बदरीनाथ ने मंदिर के कपाट बंद होने के बाद धाम में दो दिवसीय गहन स्वच्छता अभियान चलाया, जिसमें नगर क्षेत्र के साथ ही मंदिर में भी सफाई की जिम्मेदारी निभाई गई.
उन्होंने बताया कि नगर पंचायत की ओर से सफाई के लिए 50 पर्यावरण मित्रों की तैनात किया गया था. इसके साथ बदरीनाथ मंदिर परिसर के साथ ही ब्रह्म कपाल, आस्था पथ, तप्त कुंड, मुख्य बाजार और निकटवर्ती माणा गांव में सफाई अभियान चलाया गया.
कहां से हुई कितनी आमदनी?
इस सफाई अभियान के दौरान, डेढ़ टन अजैविक कचरे का संग्रहण किया किया गया. अधिकारियों ने बताया कि पूरे यात्रा काल में नगर पंचायत बदरीनाथ ने 180.70 टन कूडे़ का संग्रहण किया, जिसमें से 110.97 टन अजैविक कचरे का विपणन कर आठ लाख रुपये की आय अर्जित की गई है.
इसके साथ ही पंचायत की ओर से 29.82 लाख रुपये की आय पार्किंग से हासिल हुई. इसी तरह 1.03 करोड़ रुपये ईको शुल्क और 28 लाख रुपये हेलीकॉप्टर संचालन से अर्जित किए गए. जबकि आठ लाख रुपये की आमदनी ‘यूजेज चार्जेज’ के माध्यम से की गई.
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