(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand: प्रीतम सिंह के आरोपों पर BJP नेता का पलटवार, कहा- 'पहले अपनी गिरेबान में झांके कांग्रेस'
Dehradun News: प्रीतम सिंह ने शुक्रवार को यूकेएसएसएससी पेपल लीक घोटाले, अंकिता भंडारी मर्डर केस और प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था के खिलाफ 21 नवंबर को सचिवालय कूच करने का ऐलान किया था.
Uttarakhand Politics: पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह (Pritam Singh) द्वारा लगाए सरकार पर लगाए आरोपों का बीजेपी ने खंडन किया है. बीजेपी (BJP) विधायक खजान दास (Khajan Das) ने कांग्रेस (Congress) पर पलटवार करते हुए कहा की कांग्रेस को पहले अपनी गिरेबान में झांकना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो प्रदेश में कानून व्यवस्था का क्या हाल था. खजान दास ने कहा कि बीजेपी सरकार ने प्रदेश में हर तरह से सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया है, उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जा रही है, इतना ही नहीं अंकिता भंडारी मामले में भी सरकार ने त्वरित कार्यवाही की और अपराधियों को जेल भेजा. इसलिए कांग्रेस के ये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था लचर है.
गैरसैंण सत्र रद्द होने पर क्या बोले दास
गैरसैंण में सत्र न होने को लेकर लगाए गए कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी विधायक ने पलटवार करते हुए कहा कि गैरसैंण की बात कांग्रेस को नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उनकी सरकार के दौरान गैरसैंण में कोई विकास कार्य नहीं हुआ, जबकि गैरसैंण को बीजेपी सरकार ने ही ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया और जहां तक सत्र की बात है तो ज्यादा ठंड होने के कारण गैरसैण में सत्र नहीं हो पाया है लेकिन बीजेपी सरकार के एजेंडे में गैरसैंण है और इसके बाद होने वाला बजट गैरसैण में ही आयोजित होगा.
प्रीतम सिंह ने प्रदेश सरकार पर लगाए थे गंभीर आरोप
गौरतलब है कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने शुक्रवार को यूकेएसएसएससी पेपल लीक घोटाले, अंकिता भंडारी मर्डर केस और प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था के खिलाफ 21 नवंबर को सचिवालय कूच करने का ऐलान किया था. विधानसभा परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रीतम ने कहा था कि प्रदेश की बीजेपी सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है.
पेपल लीक घोटाले में चूंकि बीजेपी के लोगों पर आंच आ रही है, इसलिए इस मामले की सीबीआई जांच नहीं कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी मर्डर केस मामले की सीबीआई जांच न कराने के पीछे भी बीजेपी का यही डर है. उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी हत्या मामले में एक वीआईपी का जिक्र बार-बार हो रहा है, आखिर क्या वजह है कि सरकार उसका नाम उजागर नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विपक्ष जीवित है और यदि जनता के हितों पर आंच आई तो विपक्ष सरकार के खिलाफ आवाज उठाएगा.
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