Haridwar News: धर्मनगरी हरिद्वार में डेंगू (Dengue) और मलेरिया (Malaria) तेजी से अपने पैर पसार रहा है. यहां हर रोज बड़ी संख्या में डेंगू, मलेरिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू और मलेरिया ने अपना प्रकोप दिखाया हुआ है. इसको देखते हुए हरिद्वार स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी रोकथाम के लिए कार्य किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने लोगों से भी डेंगू और मलेरिया को बढ़ने से रोकने के लिए सावधानी बरतने की अपील की है जिससे इस बीमारी से बचा जा सके.
डेगू-मलेरिया से बचाव के लिए ये उपाय जरूरी
हरिद्वार बहादराबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगर स्वास्थ्य अधिकारी हेमंत आर्य ने बढ़ते डेंगू के प्रकोप को देखते हुए आमजन से अपील करते हुए हिदायत दी है कि अपने आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा रखें और किसी भी स्थान पर पानी जमा ना होने दें. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि क्षेत्र में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों ने अपने पैर पसार रखे हैं, लोगों में संक्रमण के काफी मामले देखने को मिल रहे हैं.
डेंगू और मलेरिया जैसे मच्छर दिन के वक्त काटते हैं जिस से बचने के लिए हमें खुद और अपने बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहना कर रखना चाहिए और अपने आसपास के क्षेत्र में कहीं पर भी पानी जमा ना होने दें. डेंगू और मलेरिया जैसे मच्छर के लार्वा साफ पानी में पनपते हैं यह किसी नाले या नाली या किसी गंदे पानी में नहीं पनपते. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी और आशाओं के द्वारा इस बाबात लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
स्क्रब टाइफस के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता
हरिद्वार में डेंगू के साथ अब स्क्रब टाइफस नामक बीमारी के मामले भी सामने आने लगे हैं. दो दिन पहले जिला अस्पताल में स्क्रब टाइफस के 6 मरीज भर्ती किये गए थे. वहीं डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला अस्पताल प्रबंधन ने डेंगू के मरीजों के लिए 6 बेड का अतिरिक्त आइसोलेशन वार्ड बनाया है. डेंगू, मलेरिया के बाद अब स्क्रब टाइफस के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है.
क्या हैं स्क्रब टाइफस के लक्षण
स्क्रब टाइफस के लक्षणों में मरीज को तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में अकड़ और शरीर में टूटन होती है.
कैसे फैलता है यह रोग
यह रोग आमतौर पर ऐसे लोगों को होता है तो झाड़ियों वाले क्षेत्रों के आसपास रहते हैं. यह एक बैक्टीरिया जनित रोग है. एक प्रकार के छोटे कीड़े के काटने से यह मनुष्य के शरीर में पहुंचता है.
ऐसे बचाव संभव
इस बैक्टीरिया से बचने के लिए घर से बाहर या अंदर पूरी बाजू के कपड़े पहनें, यानी अपना तन पूरी तरह ढंक कर रखें. जितना संभव हो सके अपने बच्चों को मिट्टी या खास या झाड़ियों के पास न खेलने दें.
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