Joshimath News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. पिछले कुछ दिनों में ही दरारों का यह भयानक रूप देखने को मिल रहा है. जो दरारें पहले महज दो इंच की थीं वो बढ़कर अब 8-9 इंच की हो गई हैं, जिससे लोगों के माथों पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा है कि जोशीमठ (Joshimath) के धंसाव के पीछे एनटीपीसी सुरंग (NTPC Tunnel) और चार धाम के लिए अन्य निर्माण परियोजनाएं हैं. 


भू-धंसाव की स्थिति इतनी गंभीर है कि दो होटलों मलारी इन और माउंटेन व्यू के अगले हफ्ते तक गिरने की आशंका जताई जा रही है. स्थानीय लोग भू-धंसाव के पीछे का कारण यही बता रहे हैं कि एनटीपीसी की सुंरग में जिस तरह ब्लास्ट किए जाते हैं, वो भी जमीन धंसने की एक बड़ी वजह हो सकती है. 


पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कही ये बात
इसी के मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि जोशीमठ के धंसाव के पीछे एनटीपीसी सुरंग और चार धाम के लिए अन्य निर्माण परियोजनाएं हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इस स्थिति को प्राकृतिक आपदा के रूप में माना जाना चाहिए और प्रभावित निवासियों को बद्रीनाथ और केदारनाथ की तरह राहत सहायता दी जानी चाहिए.



वहीं एनटीपीसी ने भी लिखित में जवाब देते हुए कहा कि यह सुरंग टनल बोरिंग मशीन के जरिये बनाई गई है. यहां कोई भी ब्लास्ट नहीं किया गया है. फिलहाल इस टनल का निर्माण कार्य पूरी तरह से रोक दिया गया है. अब इस टनल को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. एनटीपीसी ने कहा है कि यहां किसी तरह का ब्लास्ट नहीं किया गया है और दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर यहां काम किया गया है.


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