Uttarakhand News: उत्तराखंड के हल्द्वानी (Haldwani) जिले के बनभूलपुरा के निवासियों ने शहर में रेलवे (Railway) की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने संबंधी जल्द में आए हाई कोर्ट (High Court) के फैसले के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील की है. कांग्रेस सचिव काजी निजामुद्दीन ने मीडिया को बताया कि हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में क्षेत्र के निवासियों ने हाई कोर्ट के फैसले को  में चुनौती दी है.


काजी निजामुद्दीन ने बताया कि काजी निजामुद्दीन मामले की सुनवाई पांच जनवरी को करेगा. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी अनुरोध किया है कि वे अतिक्रमण हटाने संबंधी इस आदेश पर मानवीय तरीके से विचार करें, क्योंकि ऐसा होने पर 4,500 लोग बेघर हो जाएंगे. मंगलौर के पूर्व विधायक निजामुद्दीन ने कहा कि वे लोग इलाके में 70 साल से रह रहे हैं. यहां एक मस्जिद, मंदिर, पानी की टंकी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 1970 में डाली गई एक सीवर लाइन, दो इंटर कॉलेज और एक प्राथमिक विद्यालय हैं.


रेलवे पर जताया संदेह
काजी निजामुद्दीन ने आगे कहा कि हम प्रधानमंत्री, रेल मंत्री और मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि वे इस तथा-कथित अतिक्रमण को हटाने पर मानवीय पहलू से विचार करें. पूर्व विधायक ने जमीन पर रेलवे के दावे पर भी संदेह जताया और कहा कि इसके कुछ हिस्सों को पट्टे पर दिया गया था. उन्होंने सवाल किया कि अगर यह रेलवे की जमीन है तो राज्य सरकार ने इसे पट्टे पर कैसे दिया होगा? इस मामले में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बीते 20 दिसंबर को फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे.


सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी के शराफत खान समेत 11 लोगों की याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दाखिल की गई.जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 5 जनवरी को सुनवाई करने को कहा है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश समेत कई लोग वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद के साथ मौजूद रहे.


रेलवे ने जारी की है नोटिस
दीगर है कि मामले में अतिक्रमणकारियों को रेलवे नोटिस जारी कर चुका हैं. पूर्वोत्तर रेलवे ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि 7 दिन के अंदर जगह खाली कर दें, नहीं तो जबरदस्ती अतिक्रमण हटाएगा. उस पर आने वाला खर्च कब्जेदारों से वसूला जाएगा.


नोटिस जारी होने से एक दिन पहले रेलवे की टीम ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में बनभूलपुरा अतिक्रमण क्षेत्र की ड्रोन मैपिंग की. सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि दो घंटे तक ड्रोन से काम किया गया, जिसके बाद रेलवे ने अपनी भूमि से जुड़े सभी हिस्सों की मैपिंग पूरी कर ली. ड्रोन के माध्यम से भवनों की पूरी फोटो और वीडियोग्राफी हो चुकी है. बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद बनभूलपुरा से अवैध निर्माण हटाने को तैयारी शुरू हो गई है.


हाईकोर्ट के आदेश पर बनभूलपुरा क्षेत्र से रेलवे की करीब 78 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाया जाना है.इस दौरान अतिक्रमण की जद में करीब 4365 घर आ रहे हैं.



ये भी पढ़ें -


COVID-19: 'सतर्क रहें! आने वाले दिनों में बढ़ सकते हैं कोरोना केस', टीम-9 के साथ मीटिंग में बोले CM योगी