Uttarakhand News: दिल्ली में इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है. जिसमें जमरानी बांध परियोजना के लिए भारत सरकार ने निवेश को मंजूरी दे दी है. इस बैठक में पश्चिम बंगाल, मणिपुर, महाराष्ट्र और उत्तराखंड राज्य की योजनाओं के निवेश को मंजूरी मिली है.
बैठक में उत्तराखंड की ओर से सचिव सिंचाई हरीश चंद्र सेमवाल ने शिरकत की यह बैठक सचिव जल संसाधन भारत सरकार की अध्यक्षता में और नीति आयोग और केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित हुई.
भारत सरकार की ओर से निवेश की स्वीकृति
बैठक में उत्तराखंड के जमरानी बांध परियोजना को भारत सरकार की ओर से निवेश की स्वीकृति दी गई है. जिसकी लागत 2584.10 करोड़ रूपए है, निवेश की स्वीकृति मिलने के बाद जमरानी बांध परियोजना पर जल्द ही पुनर्वास सहित निर्माण कार्यों को प्रारम्भ किया जाएगा.
जमरानी बांध परियोजना के तहत जिन गांव का विस्थापन किया जाना है उसके लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. इस परियोजना से 57065 हैक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई के साथ-साथ हल्द्वानी शहर को साल 2055 तक 42 एम०सी०एम० पेयजल उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है. परियोजना से 63 मिलियन यूनिट वार्षिक विद्युत उत्पादन भी किया जाएगा. परियोजना को साल 2027 तक पूरा किए जाने का टारगेट रखा गया है.
जल्द शुरू होगा विस्थापन का काम
सिंचाई सचिव हरीश चंद्र सेमवाल बताया कि परियोजना से प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शीघ्र ही पुनर्वास नीति केबिनेट में मंजूरी के लिए रखी जाएगी. जमरानी बांध परियोजना के निर्माण की जद में तकरीबन 350 हेक्टेयर वन भूमि भी आ रही है, बांध के निर्माण के लिए तकरीबन 400 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है, जिसमें 350 हेक्टेयर जमीन फॉरेस्ट और 50 हेक्टेयर जमीन निजी भूमि के अधिग्रहण करने की प्रक्रिया चल रही है.
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