Joshimath Land Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ को भूस्खलन और धंसाव क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद राहत और बचाव के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. वहीं अभी तक जोशीमठ के 610 घरों में अभी तक दरारें आने की सूचना मिली है. प्रशासन की ओर से रविवार तक 68 परिवारों को किया गया सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है. वहीं प्रशासन ने जोशीमठ के गांधीनगर, सिंहधार, मनोहर बाग और सुनील वार्ड असुरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है. वहीं इस कड़के की ठंड में यहां के स्थानीय निवासियों का इस भूस्खलन और धंसाव से जन जीवन पूरी तरह तहस नहस हो गया है.


जोशीमठ के सुनीलवार्ड के रहने वाले दुर्गा प्रसाद सकलानी ने कहा कि उनका घर आठ महीने पहले बना ही बना था, लेकिन अब परिवार के 15 सदस्यों को घर खाली कर होटल में रहने के लिए कहा गया पर हम कब तक होटल में रह सकते हैं? हम दिन में बाहर रहते हैं और केवल रात में ठंड से बचने के लिए घर जाते है.


वहीं मनोहरबाग के रहने वाले चंद्र बल्लभ पांडेय ने बताया कि पिछले दो हफ्ते से यहां रहने लायक नहीं है. मकान का फर्श 6-8 इंच दरक गया है और मकान दाहिनी ओर झुक गया है. नम आंखों से पांडे ने कहा कि मैंने अपना घर 1999 में बनाया था और अब मैं इसे अपनी आंखों के सामने टूटते हुए देख रहा हूं. जोशीमठ नगरपालिका केंद्र के अंदर अलाव के पास बैठे देवेंद्र सिंह रावत(67) ने कहा कि मेरे पोते मुझसे पूछ रहे हैं कि वे अपने घर कब लौटेंगे. इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं है. माउंट व्यू होटल के पीछे स्थित रावत का घर स्थानीय अधिकारियों द्वारा खाली किए गए पहले छह आवासों में से एक था.


मौसम विभाग ने जताई बारिश की संभावना
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने डोर टू डोर जाकर देखा कि कौन सा घर रहने लायक नहीं है.  वहीं कुछ स्थानीय लोग अपने घरों के नीचे से पानी टपकने की लगातार आवाज सुन रहे हैं. यहां हर दिन घरों की दरारें चौड़ी हो रही हैं. वहीं मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ऊंचे इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. इससे स्थानीय निवासियों को तापमान में और गिरावट के साथ कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है. जोशीमठ के एक पुजारी ने कहा कि हमारा शहर इस त्रासदी से पहले खुशियों से भरा हुआ था, लेकिन अब यहां डर और दुख है. हम प्रार्थना कर रहे हैं कि यह परीक्षा जल्द से जल्द खत्म हो.


जोशीमठ शहर तीन जोन में बटेगा
जमीन धंसने के खतरे का सामना कर रहे जोशीमठ शहर को प्रशासन ने तीन जोन में बांटने का फैसला किया है. ये जोन होंगे असुरक्षित,सुरक्षित और बफर  जोन. इस बात के आदेश चमोली के जिलाधिकारी ने दिए हैं. जोन के आधार पर चिन्हीकरण के आदेश दिए गए हैं.उत्तराखंड के इस प्रमुख शहर में जमीन धंसकने से सैकड़ों घरों और सड़कों में दरारें आ गई हैं. इससे वहां के निवासियों में दहशत फैली हुई है. प्रशासन ने घरों से निकालकर सैकड़ों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है.


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