Kedarnath Yatra 2022: केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों (Kedarnath Yatra Pilgrims) की संख्या में हर दिन बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. अब तक बाबा के दरबार में मात्र छह दिनों में एक लाख 13 हजार से भी ज्यादा तीर्थयात्री बाबा का आशीर्वाद ले चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार की केदार यात्रा पुराने सभी रिकार्ड को ध्वस्त कर देगी. लेकिन पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चर मालिकों एवं हाॅकरों की मनमानी की वजह से श्रद्धालु काफी परेशान है. यही नहीं हेली सेवा कंपनियों अव्यवस्था ने भी यात्रियों को परेशान कर दिया है.
केदारनाथ में अव्यवस्था से परेशान यात्री
केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) में पहले दिन 23,512, दूसरे दिन 18,212, तीसरे दिन 17,749, चौथे दिन 18,183, पांचवें दिन 18,887 यात्रियों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. छठवें दिन दोपहर तक 17 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के लिए निकल चुके थे. ऐसे में केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 1 लाख 13 हजार के पार हो चुका है. केदारनाथ यात्रा में सबसे ज्यादा तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन गौरीकुंड से केदारनाथ 19 किमी पैदल मार्ग पर उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) में पहले दिन 23,512, दूसरे दिन 18,212, तीसरे दिन 17,749, चौथे दिन 18,183, पांचवें दिन 18,887 यात्रियों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. छठवें दिन दोपहर तक 17 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के लिए निकल चुके थे. ऐसे में केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 1 लाख 13 हजार के पार हो चुका है. केदारनाथ यात्रा में सबसे ज्यादा तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन गौरीकुंड से केदारनाथ 19 किमी पैदल मार्ग पर उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
घोड़े-खच्चर मालिकों का बुरा बर्ताव
केदारनाथ यात्रा के लिए सात हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. पूरे पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की आवाजाही हो रही है. दोनों ओर से घोड़े-खच्चर चलने के कारण पैदल चलने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई बार घोड़े-खच्चरों की टक्कर लगने से पैदल चलने वाले यात्री चोटिल भी हो रहे हैं. इसके अलावा पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद से गंदगी फैल रही है. इसके साथ ही इनके मालिक भी यात्रियों के साथ बुरा बर्ताव कर रहे हैं. केदारनाथ यात्रा पर आए अमित, योगेश खत्री, अजय वर्मा ने बताया कि घोड़े-खच्चरों की वजह से यात्रियों का खासी परेशानी हो रही है. ये बेहद अव्यवस्थित ढंग से चल रहे हैं जिससे बुजुर्ग यात्री चोटिल हो रहे हैं. एक-एक हॉकर 10-10 घोड़ों के साथ नजर आ रहा है.
हेली सेवा कंपनियां भी कर रही है मनमानी
वहीं दूसरी तरफ हैलीकॉप्टर से आने वाले यात्री भी हेली सेवा कंपनियों का मनमानी से परेशान है. तीर्थयात्रियों का कहना है कि सुबह छः बजे बुलाने के बाद दिन के 12 बजे तक केदारनाथ भेजा जा रहा है और फिर तीन बजे तक वापस आने को कहा जा रहा है. ऐसे में सही से दर्शन नहीं हो पा रहे हैं. हेली सेवा कंपनियां यात्रियों को सही जानकारी नहीं दे रही हैं. बुकिंग टिकटों को कैंसिल करवाकर अन्य लोगों को महंगे दामों पर टिकट दिए जा रहे हैं. जिस तारीख की यात्रियों ने बुकिंग की है, उसमें उन्हें नहीं भेजा जा रहा है. लोगों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से इस पर ध्यान देने को कहा है.
वहीं दूसरी तरफ हैलीकॉप्टर से आने वाले यात्री भी हेली सेवा कंपनियों का मनमानी से परेशान है. तीर्थयात्रियों का कहना है कि सुबह छः बजे बुलाने के बाद दिन के 12 बजे तक केदारनाथ भेजा जा रहा है और फिर तीन बजे तक वापस आने को कहा जा रहा है. ऐसे में सही से दर्शन नहीं हो पा रहे हैं. हेली सेवा कंपनियां यात्रियों को सही जानकारी नहीं दे रही हैं. बुकिंग टिकटों को कैंसिल करवाकर अन्य लोगों को महंगे दामों पर टिकट दिए जा रहे हैं. जिस तारीख की यात्रियों ने बुकिंग की है, उसमें उन्हें नहीं भेजा जा रहा है. लोगों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से इस पर ध्यान देने को कहा है.
वहीं इस बारे में जब जिलाधिकारी मनुज गोयल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों और घोड़े-खच्चरों के लिए एक ही पैदल मार्ग होने के कारण दिक्कतें हो रही हैं. घोडे़-खच्चर संचालकों को सही तरीके से आवाजाही करने को कहा गया है. साथ ही एक घोड़े-खच्चर के साथ एक हाॅकर रखने को कहा गया है.
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