Haridwar में लंपी वायरस का कहर, इलाज नहीं मिलने की वजह से कई पशुओं की मौत
Haridwar News: हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों में लंपी वायरस का कहर देखने को मिल रहा है. पिछले कुछ दिनों में यहां बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हुई है और पशुपालन विभाग लापरवाह दिख रहा है.
Haridwar News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में लंपी वायरस (Lampi Virus) से होने वाली मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसका कहर अब हरिद्वार (Haridwar) के ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिल रहा है. यहां के लक्सर (Laksar) इलाके में पशुओं को इलाज न मिलने की वजह से बड़ी संख्या में उनकी मौत हुई है, जिसमें पशु विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. लंपी बीमारी की वजह से पशुओं की हो रही मौत ने जिला प्रशासन के लाख दावों की पोल खोल दी है.
हरिद्वार देहात में लंपी बीमारी का कहर
हरिद्वार जिले के लक्सर तहसील में इन दिनों लंबी वायरस का कहर बरपा रहा है. हरिद्वार के जिलाधिकारी द्वारा पशु चिकित्सा विभाग को सख्त आदेश मिलने के बाद भी चिकित्सा कर्मचारी बीमार पशुओं की ओर ध्यान नहीं दे रहे. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हो रही है. लापरवाही का आलम ये ही कि मरे हुए पशुओं को भी खुले में फेंका जा रहा है. जिससे इस बीमारी के बढ़ने का खौफ भी ग्रामीणों को सता रहा है. बावजूद इसके पशु चिकित्सा विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए है. पशुपालकों का कहना है की पशु चिकित्सा विभाग की और से कोई भी डॉक्टर गाँव में नहीं आया है और ना ही पशुओं का इलाज किया जा रहा है. थक हारकर उन्होंने प्राइवेट डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है. कई बार पशु चिकित्सा अधिकारियों को बुलाया गया है लेकिन कोई गांव में आने को तैयार नहीं है.
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पशुपालन विभाग की घोर लापरवाही
हरिद्वार जिले को लंपी बीमारी के लिए 40 हजार टीके मिलने के बाद भी ये टीके देहात में नहीं पहुंचे हैं. हरिद्वार के डीएम विजय शंकर तिवारी ने संक्रमण के खतरे को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों और कर्मचारियों का सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक का टाइम निर्धारित किया है. बावजूद इसके विभाग के डॉक्टरो की लापरवाही देहाती क्षेत्रों में देखने को मिल रही है.
डीएम ने कहा कि हरिद्वार में लंपी बीमारी का प्रकोप पिछले महीने से शुरू हुआ है. 10 हजार वैक्सीन पहले लग चुकी हैं, 30 हजार और मिली थी. लंपी बीमारी को देखते हुए 15 पशु चिकित्सक डॉक्टरो की टीम बनाई गई है और 38 एक्सस्ट्रा वैक्सीनेटर कुल मिलाकर 53 लोगों की टीम बनाई गई है.
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