Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मानसून का सीजन लेकर आया तबाही, हर जिले में हुई आपदा की वजह से मौत
Uttarakhand Monsoon: उत्तराखंड में मानसून ने तबाही मचा रखी है. इस साल ही अब तक आपदा की वजह से 36 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके अलावा 53 लोग ऐसे हैं जो घायल हुए हैं.
Dehradun News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में मानसून का सीजन हर साल आफत लेकर आता है. हर साल आपदा की वजह से सैकड़ों लोग काल के मुंह में समा जाते हैं तो वहीं सैकड़ों मकान भी तबाह हो जाते हैं. इतना ही नहीं आपदा की वजह से मरने वाले मवेशियों की तो कोई गिनती ही नहीं है. क्योंकि हर साल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश से तबाही मचती है और लोग बेघर हो जाते हैं और कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं.
अब तक आपदा की वजह से 36 लोगों की मौत
उत्तराखंड आपदा के हिसाब से अति संवेदनशील राज्य है. यहां पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा की कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें सैकड़ों लोग जान गवा चुके हैं. बात 2013 केदारनाथ आपदा की हो या फिर रैणी गांव में आई आपदा की. हर साल बरसात के सीजन में ऐसी तबाही मचती है कि सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इस साल ही अब तक आपदा की वजह से 36 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. यह आंकड़े आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार हैं,, इसके अलावा 53 लोग ऐसे हैं जो घायल हुए हैं और 13 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं बात सिर्फ इंसानों की नहीं है बल्कि ढाई सौ से ज्यादा छोटे बड़े पशु भी काल के मुंह में समा गए. नुकसान की अगर बात की जाए तो कच्चे-पक्के भवनों को सैकड़ों की संख्या में नुकसान हुआ है.
इन जिलों में हुई इतनी मौत
इसी के साथ अगर जिलों में मौतों की बात की जाए तो बागेश्वर में एक, चमोली में पांच, चंपावत में दो, देहरादून में दो, हरिद्वार में दो, नैनीताल में दो,पौड़ी में दो, पिथौरागढ़ में पांच, रुद्रप्रयाग में चार, टिहरी में पांच, उधम सिंह नगर में दो और उत्तरकाशी में चार लोगों की मौत हुई है. साल 2021 की बात की जाए तो आपदा की वजह से कुल 303 लोग मारे गए थे, जबकि 87 लोग घायल हुए थे. 61 लोग आज भी लापता सूची में दर्ज है. आपदा में 412 बड़े पशु और 740 छोटे पशु आपदा की चपेट में आकर मारे गए हैं.
वहीं 2021 में 2436 कच्चे-पक्के भवन और गौशाला, झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा है. शुक्रवार की रात देहरादून के मालदेवता में कई परिवार तबाह हो गए. अब तक तकरीबन 5 लोगों के शव बरामद हुए हैं ,जबकि अभी भी 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं. कई घर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का साफ कहना है इस क्षेत्र में हर साल आपदा की वजह से भारी नुकसान होता है, इसलिए इन गांव का विस्थापन किया जाना चाहिए.
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