Uttarakhand News: वैसे तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बरसात की शुरुआत होते ही भूस्खलन की घटनाएं सामने आने लगते हैं. लेकिन पहाड़ों पर लगातार हो रहे विकास कार्यों और सड़क के निर्माण से भूस्खलन की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. भूस्खलन की घटनाओं के कई ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसे देखने से ही लोगों की रूह कांप जाती है. वही गनीमत रही हैं कि हादसे के समय सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद थी. हादसे के बाद से सड़क पर मौजूद मलवे और बोल्डरों को जेसीबी की मदद से हटाया जा रहा है.
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से 16 किलोमीटर दूर टनकपुर तवाघाट राष्ट्रीय हाईवे पर स्थित राउती पुल के पास सुबह 08:30 बजे भारी भूस्खलन हो गया. भूस्खलन में पहाड़ी का एक विशालकाय चट्टान टूटकर काली नदी में गिर गई. पहाड़ी के विशालकाय चट्टान गिरने से चारों धूलमय वातावरण हो गया है.
वहां मौजूद लोगों ने इधर-उधर भाग का अपनी जान बचाई, भूस्खलन होने के कारण सड़क पर मलवा और बोल्डर आने से सड़क बंद हो गई. मौके पर मौजूद लोगों और एसएसबी जवानों की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया था. वहीं घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है.
काली नदी में टूटकर गिरा बड़ा बोल्डर
भूस्खलन का वीडियो बनाने वाले एसएसबी हेड कांस्टेबल रवि शंकर ने कहा कि टनकपुर तवाघाट राष्ट्रीय हाईवे पर स्थित राउती पुल के पास बहुत बड़ा बोल्डर टूटकर काली नदी में गिर गया, जिस स्थान पर विशालकाय बोल्डर गिरा उससे कुछ दूरी पर ही झूलापुल है. इस घटना से झूलापुल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
पिथौरागढ़ के राउती पुल के पास सुबह 8:30 बजे विशालकाय बोल्डर गिरने से हड़कंप मच गया. बोल्डर गिरता देख मौके पर मौजूद लोगों, एसएसबी के जवानों और नेपाली चौकी के जवानों ने भागकर अपनी जान बचाई. 11वीं वाहिनी एसएसबी डीडीहाट के एसी संदीप केशरी ने बताया कि राउती पोस्ट पर 6 पुरुष और 4 महिला जवान तैनात रहती है. भूस्खलन की घटना से किसी को कोई नुकसान पहुंचने की संभावना नहीं है.
(पिथौरागढ़ से वेद प्रकाश यादव की रिपोर्ट)