Uttarakhand News: नेताओं से बंगले खाली कराने की तैयारी में जुटा राजस्व विभाग, जानें- किसके पास कौन सा बंगला?
Uttarakhand News: चुनाव संपन्न होने के बाद सरकारी बंगलों में अभी भी नेताओं का डेरा बसा हुआ है. जिसको लेकर राजस्व संपत्ति विभाग खाली कराने में लगा हुआ है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड में चुनाव संपन्न हो जाने के बाद भी सरकारी बंगलों में काबिज नेताओं से घर खाली कराने के लिए राज्य संपत्ति विभाग तैयारी कर रहा है. दरअसल, चुनाव संपन्न होने के बाद सरकारी बंगलों में अभी भी नेताओं का डेरा बसा हुआ है. इन नेताओं ने राज्य संपत्ति की ओर से की गई गुजारिश को भी नकार दिया है. साथ ही साथ सरकारी बंगलों का इतना मोह है कि अब तक उनको छोड़ने का नाम नहीं लिया जा रहा है.
क्या है पूरा मामला?
एमएलए हॉस्टल हो या फिर यमुना कॉलोनी में सरकारी आवास, बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों दलों के नेता सरकारी बंगलों पर डेरा जमाए हुए हैं. एमएलए हॉस्टल में विधायकों को कमरे दिए जाते हैं जबकि नई सरकार बनने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना एमएलए हॉस्टल का 66 नंबर कमरा नहीं छोड़ा है. जानकारी ऐसी है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के सगे संबंधी उस कमरे में डेरा जमाये हुए है. साथ ही साथ कई बार राज्य संपत्ति विभाग के द्वारा बोलने पर भी कमरा खाली नहीं किया जा रहा है. साथ ही अगर यमुना कॉलोनी की बात करें तो सरकारी आवास में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी कब्जा जमाने में पीछे नहीं है.
यमुना कॉलोनी में ही पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद भी आवास पर कब्जा बनाए हुए हैं. वर्तमान में स्वामी यतिस्वरानंद न ही कोई विधायक है और न ही सरकार के किसी दायित्व पर तैनात है लेकिन अडियल तरीके से अपना हक़ जमाया हुआ है. उत्तराखंड में यह कोई पहले मसले नहीं है कि जब सरकार बदल गयी या चुनाव संपन्न होने के बाद में नेताओं ने बंगले छोड़े हो. हर बार ऐसी ही जद्दोजहद राज्य संपत्ति विभाग को करनी पड़ती है और इस बार भी विभाग बंगले खाली कराने की उधेड़बुन में लगा हुआ है. लिहाजा बंगले का मोह ऐसा ही है कि तमाम सुविधा और रहन-सहन में बेहतर किफायती सरकारी बंगले आते हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड के नेता के सरकारी बंगलों का मोह ख़तम नहीं होता दिख रहा है.
राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों ने कई बार कमरे खाली कराने के लिए रिक्वेस्ट की लेकिन अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है. 15 दिन से लेकर 3 महीने तक का प्रोसेस कमरा खाली करने का होता है उसके बाद में मार्केट वैल्यू के हिसाब से किराया वसूला जाता है. लेकिन इन सभी कमरों में रहने वाले नेताओं को सरकार बनने के बाद 3 महीने से ज्यादा का समय हो गया है जिसके बाद से भी कमरे खाली नहीं कराए गए हैं.
नेताओं को मिले हुए हैं ये बंगले
यमुना कॉलोनी में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष रहे प्रीतम सिंह पहले से ही बंगले में रहते चले आ रहे थे लेकिन कई दायित्व हटने के बाद अब वह कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन उनकी अर्जी के आधार पर सरकार ने उनको फिर से वही आवास जारी कर दिया है.आइये जानते है सरकार के द्वारा नेताओ को कौन-कौन से बंगले आवंटित किये गए है.
यमुना कॉलोनी में R-2 केबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, R-3 कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, R-4 केबिनेट मंत्री चन्दन राम दास, R-6- कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, R-7 वन निगम अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी ( मंत्री स्तर ), R-8- केबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, R-9- प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक, H-10-11-केबिनेट मंत्री रेखा आर्य, A-1-वित्त आयोग उत्तराखंड, A-2 काग्रेंस विधायक प्रीतम सिंह, A-3- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा, A-4- पूर्व केबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, 17- केबिनेट मंत्री गणेश जोशी ( केंट रोड )17-A ,नेता प्रतिपक्ष -यशपाल आर्य( केंट रोड ), 17 - केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ( सुभाष मार्ग ) मिले हुए हैं. इसके अलावा MLA हॉस्टल में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का 66 नंबर कमरा है जो खाली नहीं हुआ है.
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