देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) में द्रौपदी का डांडा (Draupadi Ka Danda) चोटी के पास हुए हिमस्खलन (Avalanche) के बाद खोज और बचाव कार्य सोमवार को सातवें दिन भी जारी होगा. आज सेना के हेलीकॉप्टर बेस कैंप डीकेटी पर्वत के वन से छह शवों को रेस्क्यू करने के लिए मातली हेलीपैड से उड़ान भरेंगे. अभी भी छह शव बेस कैंप के पास पड़े हुए हैं. वहीं राहत और बचाव दल दो पर्वतारोहियों की तलाश भी करेगा. अब तक घटनास्थल से 21 पर्वतारोहियों के शव उत्तरकाशी लाए गए हैं.
अबतक कितने शव उत्तरकाशी लाए गए हैं
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 29 पर्वतारोही चढ़ाई के बाद लौटते समय चार अक्तूबर को 17 हजार फुट की ऊंचाई पर द्रौपदी का डांडा-द्वितीय चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे. इनमें से 27 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी. इनमें से 21 पर्वतारोहियों के शव उत्तरकाशी लाकर उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं. अभी भी छह शव बेस कैंप के पास पड़े हुए हैं. वहीं राहत और बचाव दल दो लापता पर्वतारोहियों की तलाश कर रहे हैं.
शुक्रवार को चार और शनिवार को सात और रविवार को 10 शव उत्तरकाशी लाए गए थे. उत्तरकाशी लाए गए सभी 21 शवों की पहचान कर ली गई है. वहीं दो पर्वतारोही अभी भी लापता हैं.
कब कितने शव उत्तरकाशी लाए गए
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि राहत-बचाव के दौरान चार अक्तूबर को चार शव बरामद किए गए थे. इनमें से दो प्रशिक्षक और दो ट्रेनी के थे. वहीं छह अक्तूबर को 15, सात अक्तूबर को सात और आठ अक्तूबर को एक शव बरामद हुआ था. हादसे में जिंदा लौटे संस्थान के प्रशिक्षक अनिल कुमार ने बताया था कि चोटी के आरोहरण के दौरान अचानक हिमस्खलन हुआ. घटना के समय टीम के सदस्य चोटी से महज 100 से 150 मीटर की दूरी पर ही थे.
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