Dehradun News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के पहाड़ों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने की तमाम कोशिशें की गई, लेकिन ये कमी दूर नहीं हो पाई. अब मौजूदा सरकार ने "यू कोट वी पे" फार्मूले के तहत पहाड़ों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने का प्लान बनाया है. स्वास्थ्य विभाग इस कवायद में जुट गया है. उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने बताया कि बॉन्ड के माध्यम से ही स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी. इसके लिए "यू कोट वी पे" फार्मूले के तहत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को रखा जाना है.
स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे पहाड़ी इलाके
उत्तराखंड के पहाड़ लम्बे समय से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं. आलम ये है कि जहां सुगम क्षेत्रों में तैनाती की हामी डॉक्टर तुरंत भर देते हैं लेकिन राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में जाने के लिए डॉक्टर तैयार नहीं हैं. इसी कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने "यू कोट वी पे" फार्मूले के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टरों को तैनात करने की कवायद शुरू कर दी है. अगर ये फार्मूला सफल हुआ तो सिर्फ डॉक्टरों की कमी ही पूरी नहीं होगी बल्कि, दूरस्थ क्षेत्रों में भी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.
अभी भी 50 फीसदी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी
राज्य में पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य के हालात क्या हैं, ये बात किसी से छिपी नहीं है. वर्तमान स्थिति देखें तो राज्य में 50 फीसदी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी बनी हुई है. जिसका सबसे ज्यादा बुरा हाल पहाड़ों पर है. इस फॉर्मूले से पहाड़ों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को भेजने की तैयारी है.
क़रीब दोगुना होगा वेतन
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने बताया कि बॉन्ड के माध्यम से ही स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी. इसके लिए "यू कोट वी पे" फार्मूले के तहत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को रखा जाना है. जिसके तहत पहाड़ों पर तैनाती कराए जाने वाले डॉक्टरों के लिए एक हायर पे बैंड निर्धारित किया जा रहा है. जोकि मौजूदा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पे से क़रीब दोगुना होगा. लिहाजा जो डॉक्टर सहमति जतायेंगे, उसके तय रेट के हिसाब से उन्हें पे किया जायेगा. जिससे पहाड़ जाने वाले डॉक्टर्स को प्रोत्साहन मिलेगा.
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