Uttarakhand: अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे को जूना अखाड़े ने किया बर्खास्त, अल्मोड़ा जेल में है बंद
Uttarakhand News: अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी पांडे को जूना अखाड़े से बर्खास्त कर दिया गया है. जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद यह फैसला लिया गया.
Almora News: अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी पांडे को जूना अखाड़े से बर्खास्त कर दिया गया है. जूना अखाड़े की जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद यह फैसला लिया गया. प्रकाश पांडे, जो वर्तमान में अल्मोड़ा जेल में बंद हैं, को कुछ समय पहले जेल में ही दीक्षा दी गई थी, जिसके बाद उन्हें कुछ मठों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. इस घटना ने अखाड़े में और बाहर दोनों जगह बवाल खड़ा कर दिया था.
घटना के बाद जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक हरि गिरि महाराज ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी. जांच कमेटी की अध्यक्षता अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी महाराज ने की, और दशहरे तक मामले की पूरी जांच करने का समय दिया गया था. अब, जांच के निष्कर्षों के आधार पर, प्रकाश पांडे को जूना अखाड़े से बाहर कर दिया गया है.
पीपी पांडे को अखाड़े ने किया बर्खास्त
इस पूरे मामले में मुख्य विवाद यह था कि जेल में पीपी पांडे को दीक्षा देने वाले संतों को 'फर्जी संत' कहा गया है. अखाड़े के अनुसार, इन संतों का अखाड़े के साथ कोई आधिकारिक संबंध नहीं था, और इस बात को लेकर जांच की गई कि किस आधार पर दीक्षा दी गई थी. जूना अखाड़े के महंत हरि गिरि महाराज ने साफ किया कि अंडरवर्ल्ड डॉन को अखाड़े से बर्खास्त कर दिया गया है, और यह भी सुनिश्चित किया गया है कि भविष्य में ऐसे विवादास्पद व्यक्तियों को अखाड़े से जोड़ने से बचा जाएगा.
प्रकाश पांडे उर्फ पीपी पांडे का नाम पहले से ही अंडरवर्ल्ड में चर्चित रहा है, और जेल में रहते हुए उसे दीक्षा दिए जाने की खबर ने लोगों में काफी नाराजगी पैदा की थी. कई धार्मिक संगठनों और सामाजिक संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी. दीक्षा के साथ ही पीपी पांडे को कई महत्वपूर्ण मठों की जिम्मेदारी दी गई थी, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया था.
जूना अखाड़े ने अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए तत्काल प्रभाव से इस मामले की जांच करवाई और दोषियों को बाहर का रास्ता दिखाया. अब जब जांच पूरी हो चुकी है, प्रकाश पांडे को अखाड़े से आधिकारिक रूप से निकाल दिया गया है. हरि गिरि महाराज ने यह भी स्पष्ट किया कि दीक्षा देने वाले संतों के खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ जांच की जाएगी.
ये भी पढ़ें: गाजियाबाद सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान, BJP के गढ़ में इतिहास दोहरा पाएगी सपा