Champawat By-poll: 'इसबार एक विधायक नहीं, एक मुख्यमंत्री चुनने का मौका', सीएम धामी के लिए योगी आदित्यनाथ की अपील
सीएम योगी ने चुनावी रैली में सीएम धामी के लिए प्रचार करते हुए कहा, ‘‘पहली बार चंपावत को एक विधायक नहीं, बल्कि एक मुख्यमंत्री चुनने का मौका मिला है. आपको इस अवसर को व्यर्थ नहीं करना चाहिए.
Uttarakhand News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को उत्तराखंड के चंपावत विधानसभा क्षेत्र के लोगों से कहा कि वे 31 मई को होने जा रहे उपचुनाव में पुष्कर सिंह धामी के पक्ष में भारी मतदान करें क्योंकि ऐसा करके वे "मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे, न कि सिर्फ विधायक का." फरवरी में विधानसभा चुनाव में चंपावत निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले बीजेपी के कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने के लिये अपनी सीट खाली कर दी थी, क्योंकि दो बार विधायक रहे धामी अपनी सीट खटीमा से चुनाव हार गए थे.
सीएम योगी ने टनकपुर में एक चुनावी रैली में धामी के लिए प्रचार करते हुए कहा, ‘‘1997 में जिला बनने के बाद पहली बार चंपावत को एक विधायक नहीं, बल्कि एक मुख्यमंत्री चुनने का मौका मिला है. आपको इस अवसर को व्यर्थ नहीं करना चाहिए. मैं आपसे क्षेत्र के तेजी से विकास के लिए पुष्कर सिंह धामी के युवा नेतृत्व के पक्ष में भारी मतदान करने की अपील करता हूं.’’ उन्होंने कहा, "यह चंपावत का सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री का चुनाव उसके हाथ में है. उत्तराखंड की विकास यात्रा में चंपावत के लिए यह आगे रहकर नेतृत्व करने का एक मौका है." सीएम योगी ने गहतोड़ी के सीट खाली करने की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है.
सीएम योगी ने कही ये बात
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, "धामी के युवा और ऊर्जावान नेतृत्व में रोजगार सृजन एवं पर्यटन विकास के संबंध में राज्य की सभी आकांक्षाएं पूरी होने जा रही हैं." महत्वपूर्ण चंपावत उपचुनाव के लिए योगी ने धामी, गहतोड़ी और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ उत्तराखंड के अपने समकक्ष के प्रचार के लिए टनकपुर में एक रोड शो भी किया. यह उपचुनाव मुख्यमंत्री के रूप में धामी के भविष्य का फैसला करेगा. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने फरवरी में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में 70 विधानसभा सीट में से 47 पर कब्जा कर बड़ी जीत दर्ज की थी, लेकिन धामी खटीमा से हार गए थे, जहां वह 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में विजयी रहे थे. हालांकि, बीजेपी ने उन पर विश्वास जताया और उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाया. मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के छह महीने के भीतर धामी के लिए सीट जीतकर सदन का सदस्य बनना एक संवैधानिक आवश्यकता है, जिसे उन्हें पद पर बने रहने के लिए पूरा करना होगा.
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