Uttarakhand Nikay Chunav: BJP ने 11 मेयर सीटों के लिए किया उम्मीदवारों का ऐलान, जानें- कौन कहां से लड़ेगा चुनाव?
Uttarakhand Nikay Chunav: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड की सभी 11 नगर निगमों के लिए मेयर पद के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी एक्टिव हो गई है.
Uttarakhand Nikay Chunav: उत्तराखंड में आगामी शहरी स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूरी तैयारी कर ली है. पार्टी ने राज्य की सभी 11 नगर निगमों के लिए मेयर पद के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. उम्मीदवारों के नामों की घोषणा दो चरणों में की गई. पहले छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए और उसके बाद शेष पांच सीटों के लिए नामों का ऐलान किया गया.
भाजपा ने हरिद्वार नगर निगम से किरण जैसल को उम्मीदवार बनाया है. श्रीनगर नगर निगम से आशा उपाध्याय, कोटद्वार से शैलेन्द्र रावत, पिथौरागढ़ से कल्पना देवलाल, अल्मोड़ा से अजय वर्मा और रुद्रपुर से विकास शर्मा को टिकट दिया गया है. देहरादून नगर निगम में सौरभ थपलियाल भाजपा के उम्मीदवार होंगे, जबकि ऋषिकेश से शंभू पासवान, रुड़की से अनीता देवी अग्रवाल, हल्द्वानी से गजराज सिंह बिष्ट, और काशीपुर से दीपक बाली को मैदान में उतारा गया है.
निकाय चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारी तेज
उत्तराखंड में 11 नगर निगमों, 43 नगर पालिका परिषदों और 46 नगर पंचायतों सहित कुल 100 नगर निकायों के लिए चुनाव 23 जनवरी 2024 को आयोजित किए जाएंगे. मतदान पारंपरिक मतपत्रों के माध्यम से होगा. नतीजे 25 जनवरी को घोषित किए जाएंगे. राज्य चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
वर्तमान में उत्तराखंड के नगर निकायों में भाजपा प्रमुख पार्टी है. पार्टी के पास अधिकांश नगर निगमों और नगर पालिकाओं का नियंत्रण है. इस बार भी भाजपा ने शहरी मतदाताओं को लुभाने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है. पार्टी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमीनी स्तर पर प्रचार अभियान तेज कर दिया है.
राज्य में कुल 30,83,500 पंजीकृत मतदाता हैं. इनमें 15,89,467 पुरुष, 14,93,519 महिलाएं और 514 अन्य शामिल हैं. भाजपा के लिए यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि शहरी मतदाता लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. भाजपा ने उम्मीदवारों का चयन करते समय विभिन्न कारकों पर ध्यान दिया है. पार्टी ने अनुभवी और नए चेहरों के संतुलन को प्राथमिकता दी है. उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में स्थानीय मुद्दों, जातिगत समीकरण और मतदाताओं की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा गया है.
कांग्रेस-आप ने भी शुरू की तैयारी
बीजेपी का दावा है कि सभी 11 नगर निगमों में भाजपा की जीत होगी. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी सक्रिय हो गई है. कांग्रेस ने भाजपा को घेरने के लिए स्थानीय मुद्दों जैसे पानी, सड़क, और सफाई व्यवस्था पर जोर दिया है. वहीं, AAP ने विकास के अपने मॉडल को पेश करते हुए मतदाताओं को आकर्षित करने की योजना बनाई है.
इस बार के निकाय चुनाव में शहरी क्षेत्रों के विकास से जुड़े मुद्दे केंद्र में हैं. नगर निगमों की वित्तीय स्थिति, कचरा प्रबंधन, जल आपूर्ति और यातायात समस्याएं प्रमुख चुनावी मुद्दे बन सकते हैं. भाजपा ने अपने घोषणापत्र में शहरी विकास और बुनियादी ढांचे के सुधार पर जोर दिया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नगर निकाय चुनाव भाजपा के लिए अपने शहरी आधार को मजबूत करने का मौका है. अगर भाजपा अच्छा प्रदर्शन करती है, तो यह पार्टी की साख को बढ़ाएगा.
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