उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के पति के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, 31 साल पुराना है मामला
उत्तराखंड सरकार में बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के पति पप्पू गिरधारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है. बहुचर्चित जैन दंपत्ति हत्याकांड मामले में 31 साल बाद एनबीडब्ल्यू जारी किया गया.
देहरादून: उत्तराखंड सरकार में महिला व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के पति पप्पू गिरधारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. बरेली के बहुचर्चित जैन दंपत्ति हत्याकांड मामले में कोर्ट ने 31 साल बाद एनबीडब्ल्यू जारी किया है.
साथ ही गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद कोर्ट में पेश हुए तीन अन्य आरोपी आंवला के बजरुद्दीन, भुता के नरेश और बदायूं के जगदीश को जेल भेज दिया गया है. यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश अब्दुल कय्यूम ने किया. दरअसल, पप्पू गिरधारी एक ऐसा नाम जो एक बार फिर से सुर्ख़ियो में है. 31 साल पहले बरेली के शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के सिविल लाइन्स इलाके में जैन दंपत्ति की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अज्ञात में शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस की छानबीन के बाद इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों के नाम सामने आए जिसमें एक नाम गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू गिरधारी का भी था. तब से ये मामला कोर्ट में विचाराधीन था.
मामले में शामिल तीन आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं
इस मामले में नामजद चार आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं. वहीं अब इस बहुचर्चित मामले में उत्तराखंड की महिला व बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के पति पप्पू गिरधारी समेत 4 आरोपी अभी भी फरार है. इस मामले में कोर्ट ने कई बार पप्पू गिरधारी को कोर्ट में पेश होने आदेश दिया लेकिन पप्पू गिरधारी किसी भी तारीख पर कोर्ट में पेश नहीं हुए.
एडीजीसी क्राइम सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट के कई बार रिमाइंडर देने के बाद जब पप्पू गिरधारी कोर्ट में हाजिर नही हुए तो अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पप्पू गिरधारी के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया है. वहीं इस मामले में पप्पू गिरधारी के वकील अनिल भटनागर ने बताया कि पप्पू गिरधारी की तबीयत सही नहीं है जिस वजह से वो कोर्ट में हाजिर नहीं हो सके. मगर कोर्ट ने अभियुक्त पप्पू गिरधारी की ओर से दी गई इस अर्जी को खारिज कर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. कोर्ट में अभियुक्त बजरुद्दीन, नरेश और जगदीश के गैर जमानती वांरट निरस्त करने की भी अर्जी लगाई गई. मगर कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों की अर्जी खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया. वही इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 20 अगस्त को होगी.
वही मामला सत्ताधारी पार्टी की नेता कैबिनेट मंत्री से जुड़ा होने की वजह से पुलिस पप्पू गिरधारी को गिरफ्तार करने से बच रही है और कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
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