(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand: रेलवे ने मुक्त कराई 317 एकड़ जमीन, माफियाओं का था अवैध कब्जा, अधिकारियों पर साठगांठ के आरोप
Northern Railway News: मसूरी में भूमाफियाओं ने उत्तर रेलवे की 317 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा था. जिसे प्रशासन ने कब्जे से मुक्त कराया है. भूमाफियाओं ने इस जमीन पर पुश्तों का निर्माण कर रखा था.
Mussoorie News: पहाड़ों की रानी मसूरी में नॉर्दर्न रेलवे की करीब 317 एकड़ भूमि पर माफियाओं ने कब्जा कर सड़क पर निर्माण कर दिया. जिसपर मंडल नॉर्दर्न रेलवे प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई है. मुरादाबाद मंडल नॉर्दर्न रेलवे के अधिकारी रेलवे पुलिस, स्थानीय पुलिस और जेसीबी के साथ मसूरी के झड़ी पानी क्षेत्र पर नॉर्दर्न रेलवे के ओक ग्रोव स्कूल के निचले वाले हिस्से पर पहुंचे.
रेलवे की 317 एकड़ जमीन पर था कब्जा
भूमाफियाओं द्वारा अनादिकृत रूप से रेलवे की भूमि को काटकर सड़क और पुश्ते का निर्माण कराया गया था. जिस पर कार्रवाई करते हुए जेसीबी के माध्यम से करीब 400 मीटर बने पुश्ते को ध्वस्त किये जाने की कार्रवाई की गई. नॉर्दर्न रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि भूमाफिया द्वारा नॉर्दर्न रेलवे की 317 एकड़ की भूमि के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया गया है जिस पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि जल्द नॉर्दर्न रेलवे की 317 एकड़ भूमि का सीमांकन कराकर तार बाड़ की जायेगी और जिन लोगों द्वारा भूमि पर कब्जा का निर्माण किया गया है उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. बता दें कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा कब्जा की गई जमीन पर लाखों रुपये खर्च कर सड़क और पुश्ते का निर्माण कर दिया गया था जबकि यह जगह नॉर्दर्न रेलवे की है .
अधिकारियों पर साठगांठ का आरोप
बताया जा रहा है कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा भूमाफिया और वन विभाग के अधिकारियों से एक बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देकर सड़क और पुश्ते का निर्माण कराया जा रहा था. जबकि यह पूरा क्षेत्र नोटिफाई है. इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण पर पाबंदी है लेकिन भूमाफियाओं द्वारा करीब आधा किलोमीटर लंबी सड़क और पुश्ते का निर्माण करा दिया गया. सवाल उठता है कि आखिरकार नोटिफाइड क्षेत्र में आधा किलोमीटर सड़क का निर्माण कैसे हो गया. वन विभाग और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई .
अधिकारी बोले की गई थी चालानी कार्रवाई
जब इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा गया कि उनके द्वारा चालान कर दिया गया है लेकिन दुर्भाग्यवश काम को नहीं रोका गया और भूमाफियाओं द्वारा पहाड़ के बड़े हिस्से को चीर दिया गया. सवाल उठता है कि उत्तराखंड की जीरो टॉलरेंस की पुष्कर सिंह धामी की सरकार आखिर भूमाफियाओं पर नकल करने में न कामयाब क्यों साबित हो रही है.
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